दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को सीबीआई को दो सप्ताह के भीतर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र नजीब अहमद के लापता होने के मामले में जांच बंद करने की रिपोर्ट संबंधी सभी बयान और दस्तावेजों की प्रतियां दो हफ्ते के भीतर नजीब की मां को मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि लापता छात्र नजीब को ढूंढ पाने में देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) भी नाकाम साबित हो गई है। गौरतलब है कि नजीब जेएनयू का छात्र था, जो यहां से अक्टूबर 2016 को लापता हो गया था।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट नवीन कुमार कश्यप ने जांच एजेंसी को भौतिक या इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में इन्हें मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। मामले में जांच करने वाले अधिकारियों को सात मई को निजी तौर पर पेश होने के लिए कहा है। मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ अहमद की मां फातिमा नफीस की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत का यह आदेश आया। अहमद की मां की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि उन्हें गवाहों के बयान मुहैया नहीं कराए गए।
The court observed that there cannot be a half-hearted approach and effective opportunity be given to Najeeb's mother to file protest petition. Next date of hearing is on May 7. https://t.co/uqjxuyJDHN
— ANI (@ANI) April 22, 2019
14 अक्टूबर की रात एबीवीपी से कथित रूप से जुड़े कुछ छात्रों के साथ कहासुनी के बाद नजीब 15 अक्टूबर, 2016 को जवाहर लाल विश्वविद्यालय के माही-मांडवी छात्रावास से लापता हो गया था। इसके बाद से ही नजीब को लेकर खोज जारी थी। मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी, लेकिन सीबीआई भी नजीब का पता लगाने में नाकामयाब साबित हुई। यह मामला पिछले दो सालों से लगातार सुर्खियों में बना रहा है।
नजीब मामले में कब क्या हुआ?
- 14 अक्टूबर 2016- रात के वक्त नजीब अहमद का जेएनयू में कथित तौर पर एबीवीपी छात्रों से झगड़ा हुआ।
- 15 अक्टूबर 2016- दोपहर नजीब हॉस्टल छोड़ कर कहीं चला गया, लापता होने का आरोप लगा।
- 16 अक्टूबर 2016- पुलिस ने नजीब के गायब होने का मामला दर्ज करने के बाद जांच शुरू की।
- 20 अक्टूबर 2016- नजीब के बारे में सूचना देने वालों को 50 हजार रुपये देने का किया ईनाम घोषित।
- 25 अक्टूबर 2016- नजीब मामले में पुलिस ने ईनाम की राशि 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख की।
- 04 नवंबर 2016- नजीब की सूचना देने वाले के लिए ईनाम की राशि बढ़ाकर की गई दो लाख रुपये।
- 05 नवंबर 2016- पुलिस ने नजीब की तलाश के लिए जारी किया वीडियो विज्ञापन।
- 12 नवंबर 2016- नजीब मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई।
- 15 नवंबर 2016- नजीब मामले में ईनाम की राशि पांच लाख रुपये की गई।
- 16 नवंबर 2016- पुलिस ने उस आटो चालक को ढूंढ निकाला, जिस पर सवार होकर नजीब निकला था।
- 28 नवंबर 2016- ईनाम की राशि बढ़ाकर दस लाख रुपये कर दी गई।
- 16 मार्च 2017- नजीब को पांच महीने बाद भी ढूंढने में नाकाम रही दिल्ली पुलिस को हाईकोर्ट ने लगाई फटकार।
कोर्ट ने पुलिस को लताड़ते हुए कहा कि आप सिर्फ पेपर वर्क पर ध्यान दे रहे हैं और जनता का पैसा बर्बाद कर रहे हैं। - 16 मई 2017 को दिल्ली हाईकोर्ट ने JNU के लापता छात्र नजीब अहमद के मामले को CBI को किया ट्रांसफर।
- 8 अक्टूबर 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट ने नजीब अहमद की गुमशुदगी के मामले में सीबीआई को क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने की अनुमति दे दी।