अलीगढ़: गीता और रामायण पढ़ने से नाराज कट्टरपंथियों ने की मुस्लिम युवक की पिटाई, हारमोनियम तोड़ छीन ले गए धार्मिक ग्रंथ

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उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ के शाहजमल क्षेत्र में हिंदुओं की धार्मिक पुस्तक ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ और ‘रामायण’ पढ़ने पर एक मुस्लिम की पिटाई का मामला सामने आया है। अलीगढ़ के देहली गेट थाना क्षेत्र के महफूज नगर में कुछ कट्टरपंथियों ने एक मुस्लिम युवक की इसलिए पिटाई कर दी, क्योंकि वह गीता और रामायण पढ़ता था। यही नहीं कट्टरपंथियों ने उसका हारमोनियम भी तोड़ दिया और धार्मिक ग्रंथ छीन ले गए। मुस्लिम युवक की शिकायत पर दबंगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

फोटो : अमर उजाला

पुलिस अधीक्षक (देहात) ने मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना देहली गेट पुलिस को आरोपियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में देहलीगेट थाने के इंस्पेक्टर इंद्रेश पाल सिंह ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया, “पीड़ित की तहरीर के आधार पर पड़ोसी की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने और उसके साथ मारपीट करने के लिए समीर व जाकिर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। एक आरोपी हिरासत में ले लिया गया है। उसने पड़ोसी से झगड़े की बात स्वीकार की है। लेकिन बाकी आरोपों को बेबुनियाद बता रहा है।”

‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ से बातचीत करते हुए दिलशेर ने बताया कि वे पिछले 38 वर्षों से ये किताबें पढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा- “मैं मुस्लिम हूं, लेकिन मेरा धर्म किसी और धर्म की पवित्र किताबें पढ़ने से मुझे रोकता नहीं है।” देहली गेट पुलिस थाने में संदिग्ध आरोपी समीर और जाकिर के साथ अज्ञात युवकों के खिलाफ आईपीसी की धारा 298 (धार्मिक भावनाएं आहत करने), 323 (मारपीट करने और चोट पहुंचाने), 452 (गलत इरादों से घर में घुसपैठ करने), 504 (शांति भंग करने की कोशिश करने) और 506 (आपराधिक कामों) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

विश्व हिंदू महासभा के पदाधिकारियों ने एसएसपी कार्यालय में आरोपियों के खिलाफ शिकायती पत्र सौंपकर कट्टरपंथी हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। महफूज नगर, देहली गेट निवासी 55 वर्षीय दिलशेर पुत्र फूल खां ने एसपी देहात को दिए शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि वह हर रोज अपने घर पर गीता और रामायण पढ़ता है। इस बात से नाराज पड़ोस में रहने वाले दो कट्टरपंथी युवक अपने साथियों के साथ घर में घुस आए और उन्होंने परिवार पर हमला बोल दिया।

युवका का आरोप है कि इतना ही नहीं उन्होंने धार्मिक ग्रंथों को भी फाड़ने की कोशिश की। जैसे-तैसे करके उन लोगों से अपनी और परिवार की जान बचाई। हमलावरों ने जाते-जाते आगे से गीता-रामायण न पढ़ने की चेतावनी दी और साथ ही जान से मारने की भी धमकी दी है।

दिलशेर के अनुसार, उसने रामायण पाठ को अपनी आदत में शुमार कर लिया है। रोजाना नहाने के बाद वह रामायण पढ़ना नहीं भूलते। कई चौपाइयां उन्हें याद हैं। वह गीता भी पढ़ते हैं। उन्होंने कहा, “1979 से रामायण का पाठ कर रहा हूं। इससे मेरे मन को सुकून मिलता है। इसी बात का कुछ लोग विरोध करते हैं। धमकाते हैं। हर वक्त जान को खतरा बना रहता है।” (इनपुट- आईएएनएस के साथ)

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