मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को ‘टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट’ (टीआरपी) घोटाले के मामले में छठी गिरफ्तारी की है। अधिकारियों ने बताया कि मुंबई के उपनगर अंधेरी के निवासी उमेश मिश्रा को अपराध शाखा की टीम ने विरार इलाके से पकड़ा। उन्होंने बताया कि मिश्रा उन लोगों को कथित तौर पर लोकप्रिय चैनल देखने के लिए रिश्वत देता था जिनके घर पर दर्शक आंकड़ा संग्रह करने के लिए मीटर लगे हुए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दूसरे आरोपियों से पूछताछ के दौरान मिश्रा का नाम सामने आया था। वह भी हंसा रिसर्च का पूर्व कर्मचारी बताया जा रहा है और दो साल पहले काम छोड़ चुका था। पुलिस के मुताबिक, उसे इस बात की जानकारी थी कि टीआरपी मीटर किन-किन घरों में लगा हुआ है। वह रिपब्लिक चैनल देखने के लिए लोगों को पैसे देता था। उसे पैसे कौन देता था, पुलिस इसकी छानबीन करेगी।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि, मामले की छानबीन की जा रही है। शुरूआती जांच के दौरान पुलिस ने इस मामले में विशाल भंडारी और बोमपल्ली राव नाम के हंसा के दो पूर्व कर्मचारियों और ‘फक्त मराठी’ चैनल के मालिक शिरीष शर्मा और बाक्स सिनेमा चैनल के मालिक नारायण शर्मा को गिरफ्तार किया था।
जबकि इस मामले में बीते सप्ताह उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से विनय त्रिपाठी नाम के हंसा के पूर्व कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया था। वहीं, मुंबई पुलिस कमिश्वर परमबीर सिंह ने मीडिया से बातचीत में दावा किया है कि मजिस्ट्रेट के सामने चार लोगों ने बयान देकर खास चैनल देखने के लिए पैसे लेने की बात स्वीकार की है।
उल्लेखनीय है कि, कथित टीआरपी घोटाले का खुलासा तब हुआ जब ‘ब्रॉडकॉस्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (बार्क) ने हंसा रिसर्च ग्रुप के जरिये पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और आरोप लगाया कि विज्ञापन के लालच में कुछ चैनल टीआरपी की संख्या में धोखाधड़ी कर रहे हैं। (इंपुट: भाषा के साथ)