NEET Result 2020: चिकित्सा पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए आयोजित नीट के नतीजे शुक्रवार को घोषित कर दिए गए। नीट का रिजल्ट एनटीए की आधिकारिक वेबसाइट ntaneet.nic.in पर जारी किया गया है। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के मुताबिक, नीट में शीर्ष स्थान पाने वाले दो उम्मीदवारों ने शत प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। इस परीक्षा में ओडीशा के शोएब आफताब ने 720 में से 720 अंक लाकर टॉप किया है। शोएब ने टॉप करके ओडिशा के नाम एक नया इतिहास रच दिया है क्योंकि वह ओडीशा के पहले लड़के हैं जिन्होंने नीट टॉप किया है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने ट्वीट किया, ‘‘देश की अत्यंत प्रतिष्ठित प्रवेश-परीक्षा #नीट का परिणाम जारी हो गया है। मेरी ओर से परीक्षा में सफल हुए सभी अभ्यर्थियों को हार्दिक बधाई एवं उनके उज्ज्वल भविष्य की बहुत-बहुत शुभकामनाएं!’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस साल नए डॉक्टरों का दल देने के लिए एनटीए को धन्यवाद देता हूं। परीक्षा इस बार परीक्षा की घड़ी में संपन्न हुई और सहयोगात्मक संघवाद का भाव भी देखने को मिला। मैं सभी मुख्यमंत्रियों को भी इसके लिए धन्यवाद देता हूं।’’
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली की अकांक्षा सिंह और ओडिशा के शोएब आफताब को 720 में से 720 अंक प्राप्त हुए हैं लेकिन एनटीए की टाई-ब्रेकिंग नीति के तहत आफताब को पहला और सिंह को दूसरा स्थान मिला है। इस परीक्षा में करीब 13.66 लाख विद्यार्थी शामिल हुए जिनमें से कुल 7,71,500 उम्मीदवारों ने परीक्षा उत्तीर्ण की है। सबसे अधिक त्रिपुरा के उम्मीदवारों (88,889) ने परीक्षा में सफलता हासिल की जबकि दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र के प्रतिभागी रहे। महाराष्ट्र के 79,974 प्रतिभागियों ने परीक्षा उत्तीर्ण की है।
अधिकारियों ने बताया कि टाई-ब्रेकर नीति में उम्र, विषयों में अंक और गलत उत्तर को संज्ञान में लिया जाता है। उन्होंने बताया कि शोएब और अकांक्षा को बराबर अंक मिले थे। इसलिए उम्र के आधार पर रैंकिंग तय की गई। ये पहली बार है जब नीट की परीक्षा में छात्रों ने 100 फ़ीसदी अंक हासिल किए हैं। परीक्षा में प्रथम रैंकिग लाने वाले शोएब ने कहा कि उन्हें कभी उम्मीद नहीं थी कि वह प्रथम आएंगे। 100 प्रतिशत अंक पाने वाले शोएब के परिजन अपने बेटे की मेहनत और जज्बे से बहुत खुश हैं।
शोएब ने कहा कि मेरे परिवार में कोई डॉक्टर नहीं है, मुझे उम्मीद थी कि टॉप 100 या टॉप 50 में मेरा नाम होगा लेकिन टॉप करूंगा ये सोचाा नहीं था। यह परीक्षा स्थगित हो रही थी, इस वजह से दबाव भी काफी था। मेरा लक्ष्य शांत रहने का और समय का सदुपयोग करना था। शोएब आफताब अपनी इस कामयाबी में अपनी मां का बड़ा योगदान मानते हैं।
उन्होंने पीटीआई (भाषा) से कहा कि, ‘‘मैं अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां को देता हूं जो हमेशा मुझे डॉक्टर बनने के लिए प्रेरित करती हैं और मेरे साथ खड़ी रहती हैं।’’ उल्लेखनीय है कि, शोएब की मां सुल्ताना रजिया गृहिणी हैं जबकि पिता शेख मोहम्मद अब्बास का छोटा सा कारोबार है।
न्यू इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए शोएब आफताब की माँ ने कहा, “मुझे अपने बेटे पर गर्व है। अल्लाह और मेरे पति का धन्यवाद जो एक छाया की तरह हमारे पीछे खड़े रहे। अल्लाह का धन्यवाद, मेरे बेटे ने अपनी सूक्ष्मता साबित कर दी है।”
राष्ट्रीय अर्हता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के बीच कड़े एहतियाती उपायों के साथ 13 सितंबर को कराई गई थी। इस साल से देश के 13 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), जवाहर लाल स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, पुडुचेरी की एमबीबीएस पाठ्यक्रम की सीटों पर भी नीट के जरिए प्रवेश होगा। यह बदलाव पिछले साल संसद से पारित राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम-2019 के तहत किया गया है। इस बार नीट परीक्षा 11 भाषाओं- अंग्रेजी, हिंदी, असमी, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मराठी, उडिया, तमिल, तेलुगु और उर्दू् में कराई गई।
शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक 77 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अंग्रेजी भाषा में परीक्षा दी जबकि हिंदी भाषा में 12 प्रतिशत और अन्य भाषाओं में 11 प्रतिशत विद्यार्थियों ने परीक्षा दी। कोविड-19 महामारी की वजह से इस साल नीट परीक्षा 2 बार टाली गई और सरकार ने अकादमिक सत्र को शून्य होने से बचाने के लिए एक वर्ग के विरोध के बावजूद परीक्षा कराने का फैसला किया। (इंपुट: भाषा के साथ)