महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के एक लाख से अधिक कर्मचारी वेतन में बढ़ोतरी की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं। जिस कारण दीपावली पर एक जगह से दूसरी जगह पर जाने की योजना बनाने वाले लंबी दूरी के यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
न्यूज़ एजेंसी भाषा की ख़बर के मुताबिक, कल मध्यरात्रि से शुरू हुई हड़ताल के कारण हो रहे व्यवधान को दूर करने के लिए महाराष्ट्र सरकार के परिवहन विभाग ने एक अधिसूचना जारी करके स्कूली वाहनों सहित निजी वाहनों को यात्रियों को ले जाने की अनुमति प्रदान की है।
सरकारी परिवहन निगम ने इस हड़ताल को गैरकानूनी करार दिया है जिसके कारण दीपावली पर यात्रा करने वाले हजारों यात्रियों को परेशानी हो रही है।
महाराष्ट्र के एसटी वर्कस यूनियन के अध्यक्ष संदीप शिन्दे ने आज पीटीआई भाषा को बताया, सातवें वेतन आयोग को लागू करने और वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने तक 25 प्रतिशत की अंतरिम बढ़ोतरी की मांग को लेकर हमारे 1.02 लाख कर्मचारियों ने कल मध्य रात्रि से राज्य परिवहन की बसों का परिचालन बंद कर दिया है।
उन्होंने कहा, सरकार केवल अंतरिम बढ़ोतरी का केवल एक हिस्सा देने को राजी है जो हमें स्वीकार्य नहीं है। शिन्दे ने कहा, अगर हमारी मांगें मान ली जाती हैं तो हम हड़ताल वापस लेने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि यात्रियों को हो रही परेशानी के लिए वह यूनियन की ओर से माफी मांगते हैं।
दूसरी तरफ महाराष्ट्र के परिवहन आयुक्त प्रवीण गेदाम ने पीटीआई भाषा को बताया कि, राज्य परिवहन कर्मचारियों के हड़ताल के कारण सभी तरह की निजी बसों स्कूल और कंपनी वाहनों को राज्य परिवहन डिपो से यात्रियों को ले जाने की आधिकारिक अनुमति प्रदान की गई है।
एमएसआरटीएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हड़ताल गैरकानूनी है और परिवहन एजेंसी के प्रशासन ने यूनियन के सदस्यों से काम पर वापस आने की अपील की है। राज्य में 65 लाख से अधिक यात्री राज्य परिवहन बसों में यात्रा करते हैं। एमएसआरटीसी 18,000 बसें चलाता है। इनमें से कुछ बसें उन दूरदराज के इलाकों में जाती हैं जिनका रेल नेटवर्क से संपर्क नहीं है।