सेना के सेवानिवृत्त कैप्टन और कारगिल नायक मोहम्मद सनाउल्लाह को गुवाहाटी के डिटेंशन सेंटर से शनिवार (8 जून) को रिहा कर दिया गया। बता दें कि, सनाउल्लाह को कल गुवाहाटी हाई कोर्ट ने 20000 रुपये के जमानती बॉन्ड और उनके बायो-मैट्रिक की शर्त पर रिहा करने का आदेश दिया था।
बता दें कि, कारगिल के नायक रहें मोहम्मद सनाउल्लाह को फॉरेनर्स ट्राइब्यूनल (एफ़टी) ने ‘विदेशी’ करार दे दिया था। नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) में उनका नाम न होने की वजह से ट्राइब्यूनल ने यह कदम उठाया था। पूर्व सैन्य अधिकारी और असम पुलिस के सीमा शाखा के एएसआई मोहम्मद सनाउल्ला को हाल ही में राज्य के कामरुप जिले के कलाहीकाश गांव से गिरफ्तार किया गया और बाद में डिटेंशन कैंप में नजरबंद कर रखा गया था।
सनाउल्लाह ने हिरासत में लेने के बाद ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ गुवाहाटी हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए शुक्रवार को उन्हें जमानत दे दी थी।
शुक्रवार को सनाउल्लाह के वकील ने बताया कि उन्हें डिटेंशन सेंटर से रिहा कर दिया गया है। रिहाई से पहले उनसे 20000 हजार रुपये की जमानत राशि, दो लोकल स्योरिटी और बायो-मैट्रिक्स ली गई है। कारगिल युद्ध में शामिल रहे सनाउल्लाह राष्ट्रपति पदक से सम्मानित भी हो चुके हैं।
बता दें कि सनाउल्लाह मामले की जांच कर रहे चंद्रामल दास ने मामले में सनाउल्लाह को ‘विदेशी’ घोषित करने वाले दस्तावेजों की पुष्टि की थी और कथित गवाहों के बयान दर्ज किए थे। बाद में इन दस्तावेजों में दर्ज गवाहों ने कहा है कि उनकी कभी भी गवाही नहीं ली गई थी। बाद में उन्होंने दास के खिलाफ ही मामले दर्ज करवाए।