‘जनता का रिपोर्टर’ द्वारा राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे को लेकर किए गए खुलासे के बाद राजनीतिक गलियारों में मचा भूचाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस राफेल डील पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को बख्शने के मूड में नहीं हैं। ‘जनता का रिपोर्टर’ द्वारा राफेल सौदे में कथित अनियमितताओं का विशेष रूप से खुलासा करने के एक साल से अधिक समय बाद एक नई रिपोर्ट ने पुष्टि की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कथित तौर पर अपने दोस्त अनिल अंबानी की मदद के लिए किए गए राफेल सौदे पिछले दिनों कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार द्वारा किए गए सौदे से बेहतर नहीं है।
‘द हिंदू’ अखबार द्वारा किए गए नए खुलासे से पता चला है कि सात सदस्यीय भारतीय वार्ता दल (आईएनटी) में शामिल रक्षा मंत्रालय के तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने सरकार के इन दावों पर सहमति नहीं जताई थी।
द हिंदू कि रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय लागत लेखा सेवा के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी, सलाहकार (लागत), एमपी सिंह, वित्तीय प्रबंधक (वायु) एआए सुले, संयुक्त सचिव और अधिग्रहण प्रबंधक (वायु) राजीव वर्मा ने एक विरोध पत्र (डिसेंट नोट) दिया था, जिसमें इन अधिकारियों ने नई डील को यूपीए सरकार द्वारा की गई डील से बेहतर बताने और रफाल विमानों को जल्दी मुहैया कराने के दावों पर आपत्ति जताई थी।
इस आठ पेज के विरोध पत्र (डिसेंट नोट) को फ्रांसीसी टीम के साथ बातचीत पूरी होने के बाद 23 सितंबर, 2016 को अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने से तीन महीने पहले लिखा गया था।
द हिंदू की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘नए रफाल सौदे की लगभग 62 हजार 976 करोड़ रुपये (7.87 बिलियन यूरो) लागत पर टिप्पणी करते हुए विशेषज्ञों ने कहा कि ‘फ्रांसीसी सरकार द्वारा दी गई कीमत तर्कसंगत नहीं है। यहां तक कि फ्रांसीसी सरकार द्वारा दी जाने वाली अंतिम कीमत को एमएमआरसीए (मध्यम बहु-भूमिका लड़ाकू विमान) की ऑफर की तुलना में ‘बेहतर शर्तों’ के रूप में नहीं माना जा सकता है और इसलिए ये संयुक्त वक्तव्य की आवश्यकता को पूरा नहीं करता है।’
कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने इस मामले को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है। राफेल डील पर आज 3.30 बजे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रेस को संबोधि करेंगे। उन्होंने एक ट्वीट कर यह जानकारी हा। कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्वीट कर कहा, “पीएम मोदी ने दो आधार पर राफेल सौदे का बचाव किया है, पहला बेहतर मूल्य और दूसरा तेज डिलीवरी। दोनों ही दावों को ‘द हिंदू’ अखबार की रिपोर्ट में इन दावों को ध्वस्त कर दिया गया है।”
The PM defended his personal RAFALE bypass deal on 2 counts :
1. Better Price
2. Faster DeliveryBoth have been demolished by the revelations in the Hindu today.
Watch my LIVE Press Conference on the #RafaleScam at 3.30 PM today. https://t.co/IzyCaHeyIM
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 13, 2019
‘जनता का रिपोर्टर’ ने किया था खुलासा
गौरतलब है कि ‘जनता का रिपोर्टर’ ने राफेल सौदे को लेकर तीन भागों (पढ़िए पार्ट 1, पार्ट 2 और पार्ट 3 में क्या हुआ था खुलासा) में बड़ा खुलासा किया था। जिसके बाद कांग्रेस और राहुल गांधी यह आरोप लगाते आ रहे हैं कि मोदी सरकार ने फ्रांस की कंपनी दसाल्ट से 36 राफेल लड़ाकू विमान की खरीद का जो सौदा किया है, उसका मूल्य पूर्ववर्ती यूपीए सरकार में विमानों की दर को लेकर बनी सहमति की तुलना में बहुत अधिक है। इससे सरकारी खजाने को हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
कांग्रेस का आरोप है कि सरकार हर विमान को 1670 करोड़ रुपये से अधिक की कीमत पर खरीद रही है, जबकि संप्रग सरकार के दौरान 526 करोड़ रुपये प्रति विमान की दर से 126 राफेल विमानों की खरीद की बात चल रही थी। साथ ही पार्टी ने यह भी दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौदे को बदलवाया जिससे सरकारी उपक्रम हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से ठेका लेकर रिलायंस डिफेंस को दिया गया।