मेट्रो मैन के नाम से मशहूर ई.श्रीधरन ने एक आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए गुरुवार को कहा कि वह सक्रिय राजनीति छोड़ रहे हैं। श्रीधरन केरल में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए थे।

समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, मलप्पुरम में अपने गृहनगर में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, बहुत से लोग नहीं जानते हैं, मैं अब 90 साल का हूं और जहां तक मेरी उम्र मानी जाती है, मैं उन्नत अवस्था में हूं। जब मैं कहता हूं कि मैं सक्रिय राजनीति छोड़ रहा हूं, इसका मतलब यह नहीं है कि मैं राजनीति छोड़ रहा हूं। जब मैं चुनाव हार गया तो मुझे दुख हुआ, लेकिन अब मैं दुखी नहीं हूं क्योंकि एक विधायक के साथ कुछ नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि भाजपा की राज्य इकाई का वोट शेयर 16 से 17 फीसदी था, लेकिन अब इसमें कमी आई है। श्रीधरन ने कहा, मैं एक राजनेता नहीं था क्योंकि मैं एक नौकरशाह हूं और भले ही मैं राजनीति में सक्रिय नहीं होने जा रहा हूं, मैं हमेशा अन्य तरीकों से लोगों की सेवा कर सकता हूं। मेरे पास तीन ट्रस्ट हैं और मुझे इसमें काम करना है।
बता दें कि, वह केरल में विधानसभा चुनाव से पहले फरवरी में भाजपा में शामिल हुए थे। श्रीधरन को केरल भाजपा इकाई के एक वर्ग ने पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में देखा और पलक्कड़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा। वह 6 अप्रैल के विधानसभा चुनावों में युवा कांग्रेस विधायक शफी परम्बिल से 3,859 मतों के अंतर से हार गए थे।
श्रीधरन भारत के प्रख्यात सिविल इंजीनियरों में से एक हैं। वे 1995 से 2012 तक दिल्ली मेट्रो के निदेशक रहे। उन्हें भारत के ‘मेट्रो मैन’ के रूप में भी जाना जाता है। भारत सरकार द्वारा उन्हें 2001 में पद्म श्री तथा 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
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