राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार (26 दिसंबर) को दावा किया कि उत्तर प्रदेश और नई दिल्ली में छापेमारी कर आईएसआईएस से प्रेरित एक संदिग्ध आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया। एनआईए ने इस सिलसिले में करीब 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। उन पर राजनीतिक हस्तियों और दिल्ली में सरकारी प्रतिष्ठानों सहित उत्तर भारत के कई अन्य हिस्सों में हमले की योजना बनाने का आरोप है। वहीं, एजेंसियों की इस कार्रवाई के दो दिन बाद ट्वीट कर महबूबा मुफ्ती ने इन पर सवाल खड़े किए हैं।

एनआईए ने ‘हरकत उल हर्ब ए इस्लाम’ नाम के नए मॉड्यूल की अपनी जांच के सिलसिले में उत्तर प्रदेश और नई दिल्ली में 17 जगहों पर छापेमारी की। दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 17 जगहों पर पड़े इन छापों के दौरान मिले तथाकथित हथियारों और विस्फोटकों को भी एनआईए दे दिखाया।
हथियारों में घर में बनी रिवाल्वर भी शामिल है जिसे देसी कट्टा कहते है। कम-तीव्रता वाले बम जो पटाखों की तरह दिखते थे, जो अक्सर दिवाली में इस्तेमाल किए जाते है। जांच एजेंसी ने दावा किया है कि छापे के दौरान उन्होंने एक ‘रॉकेट लॉन्चर’ भी जब्त किया है।
वहीं, एनआईए की इस छापेमारी के दो दिन बाद यानी शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस कार्रवाई पर सवालिया निशान लगाया है। साथ ही महबूबा ने संदिग्धों को आईएस से जुड़ा बताने के एनआईए के दावे पर भी सवाल उठाया है।
महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार (28 दिसंबर) को ट्वीट कर लिखा, राष्ट्रीय सुरक्षा का विषय सर्वोपरि है, लेकिन संदिग्धों को सुतली बम के आधार पर आतंकी और आईएस से जुड़ा बताने का दावा अतार्किक है। इस आरोप ने पहले ही इन लोगों और इनके परिवारों के जीवन को बर्बाद कर दिया है। ऐसे में एनआईए को उन मौकों से सबक लेना चाहिए, जिनमें आरोपी दशकों के बाद आरोपों से बरी हो गए थे।
National security is supreme. But declaring suspects as terrorists on the basis of Sutli bombs, associating with the dreaded IS is premature. It has already devastated their lives and families. NIA must learn from earlier episodes in which the accused were acquitted after decades
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) December 28, 2018
वहीं एक अन्य ट्वीट में महबूबा ने एजेंसियों द्वारा ऑपरेशन करने की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए लिखा, अर्बन नक्सल केस के बाद फिर चुनावी समय में एनआईए के द्वारा की गई गिरफ्तारी अब शक के घेरे में है। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एजेंसी को किसी एक समुदाय के प्रति संदेह से नहीं, बल्कि पूरे देश के प्रति समावेशी रूप से सोचना चाहिए।
Arrests by NIA in the election season do raise suspicion, especially after the urban Naxal case seems to be falling apart.National security is best served by being just and inclusive, not suspicious of an entire community
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) December 28, 2018
एनआईए ने दावा किया है कि पकड़े गए लोग देसी कट्टा और पटाखों के साथ भारत पर हमला करने की योजना बना रहें थे। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, एनआईए के महानिरीक्षक (आईजी) आलोक मित्तल ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा था कि पकड़े गए लोग विदेशी आकाओं के संपर्क में था। उन्होंने कहा कि उसके विदेशी आकाओं की पहचान अब तक नहीं हो पाई है। उन्होंने बताया कि पकड़े गए 16 लोगों में से 10 को एजेंसी ने गिरफ्तार किया।
उन्होंने बताया कि लोगों को यूपी के लखनऊ, अमरोहा, हापुड़ और पूर्वोत्तर दिल्ली के सीलमपुर और जाफराबाद से गिरफ्तार किया गया। छापों में बड़ी संख्या में विस्फोटक, एक देसी रॉकेट लॉंचर, 100 मोबाइल फोन और 135 सिम कार्ड भी बरामद किए गए। 7.5 लाख रुपए नगद भी बरामद किए गए।
गिरफ्तार किए गए लोगों में मुफ़्ती मोहम्मद सुहैल उर्फ हज़रत, अनस यूनुस, राशिद ज़फ़र रक़ा उर्फ ज़फ़र, सईद उर्फ सईद, सईद के भाई रईस अहमद, ज़ुबैर मलिक, ज़ुबैर के भाई ज़ैद, साक़िब इत्तेकर, मोहम्मद इरशाद और मोहम्मद आज़म शामिल है।
अब सईद और रईस की मां ने सनसनीखेज खुलासा किया है कि एनआईए के अधिकारियों ने हमारे ट्रैक्टर ट्रॉली के प्रेशर नोजल को भी जब्त किया है। जिसे उन्होंने एक ‘रॉकेट लॉन्चर’ बताया है। मां ने पत्रकार प्रशांत कुमार से कहा, वो हमारे ट्रैक्टर ट्रॉली के प्रेशर नोजल को ‘रॉकेट लॉन्चर’ बता रहें है, जिसे वो अपने साथ ले गए है। उन्होंने हमारे बेटे को भी गिरफ्तार कर लिया।
वहीं, गिरफ्तार किए गए लोगों के एक रिश्तेदार नफीस अहमद ने ट्रैक्टर पर ट्रॉली में इस्तेमाल किए गए एक नोजल को जमीन पर रख बताया कि यह किया और इसका ट्रैक्टर में किया इस्तेमाल होता है।