अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे जसवंत सिंह के बेटे और राजस्थान के शिव से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक मानवेंद्र सिंह जसोल ने शनिवार (22 सितंबर) को पार्टी से औपचारिक रूप से नाता तोड़ लिया। हालांकि उन्होंने अपने आगे के राजनीतिक कदम के बारे में पत्ते अभी नहीं खोले हैं।
पार्टी से रिश्ते के बारे में पूछे जाने पर मानवेंद्र ने समाचार एजेंसी पीटीआई/भाषा से कहा, ‘मैं अब बीजेपी में नहीं हूं।’ इसके साथ ही मानवेंद्र ने कांग्रेस के साथ जाने के सवाल का जवाब ना में दिया। इससे पहले दिन में बाड़मेर के पास पचपदरा में अपनी बहुप्रचारित रैली में भी मानवेंद्र ने ‘कमल का फूल, बड़ी भूल’ कहते हुए पार्टी से नाता तोड़ने का संकेत दिया।
इस स्वाभिमान रैली में बड़ी संख्या में राजपूत व अन्य वर्ग के लोग पहुंचे। रैली को संबोधित करते हुए मानवेंद्र ने कहा कि पार्टी आलाकमान व बड़े नेताओं के कहने पर वह साढ़े चार साल से धैर्य बनाए हुए थे लेकिन अब धैर्य चुक गया है। रैली में कांग्रेस जिंदाबाद के नारों के बीच मानवेंद्र ने ‘कमल का फूल, बड़ी भूल’ कहा। हालांकि उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों पर इतना ही कहा कि ‘लोगों की जो घोषणा है वह उसके साथ ही जाएंगे।’
मानवेंद्र और बीजेपी के रिश्ते बीते चार साल से तल्ख बने हुए थे। इसकी शुरुआत 2014 के आम चुनाव में पार्टी द्वारा जसवंत सिंह जसोल को टिकट नहीं दिए जाने से हुई। आपको बता दें कि राजस्थान में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे मानवेंद्र का बीजेपी नाता तोड़ना पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है।