गुजरात चुनाव: जनता की प्रतिक्रियाओं से ‘हताश’ BJP ने तैयार किया प्लान बी, मनसुख मांडविया हो सकते हैं CM उम्मीदवार

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गुजरात विधानसभा चुनाव जितना करीब आ रहा है, राज्य में राजनीतिक गहमा-गहमी उतनी ही तेज होती जा रहीं है।राज्य में चुनाव प्रचार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत दिग्गज नेता एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। लेकिन सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) की मुश्किलें कम होने के नाम नहीं ले रही है।इस बीच खबर आ रही है कि राज्य के वर्तमान विजय रुपानी के प्रति लोगों में नाराजगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित पार्टी के अन्य नेताओं की रैलियों में उम्मीद के मुताबिक भीड़ नहीं जुटने की वजह से बीजेपी ने फैसला किया है कि अब राज्य में पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार विजय रुपानी की जगह केंद्रीय मंत्री मनसुख एल. मांडविया होंगे।

हालांकि, आधिकारिक तौर पर बीजेपी या मांडविया की तरफ से इस बात की पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है बीजेपी और राज्य के अंदर वर्तमान सीएम विजय रुपानी के प्रति लोगों की नाराजगी को देखते हुए पार्टी ने यह फैसला किया है। सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब खुद राज्य की चुनावी कमान अपने हाथों में ले लिए हैं।

हालांकि केंद्रीय राज्य मंत्री (सड़क परिवहन और राजमार्ग, पोत परिवहन, रसायन एवं उर्वरक) मनसुख एल. मांडविया को भी पिछले दिनों विरोध का सामना करना पड़ा था। भावनगर जिले में मई महीने में एक कार्यक्रम के दौरान मंत्री जी भाषण दे रहे थे कि तभी एक युवक ने उनके ऊपर ‘भारत माता की जय’ बोलते हुए जूता फेंक दिया था।

गनीमत रही कि जूता मंत्री जी को लगा नहीं। पुलिस ने भावेश पटेल नाम के व्यक्ति को पकड़ लिया, लेकिन बाद में मंत्री जी ने उस शख्स को माफ कर दिया। मनसुख मांडविया पर पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के भावनगर संयोजक भावेश पटेल ने जूता फेंका था।

पीएम मोदी की लोकप्रियता में आई गिरावट

बता दें कि मई महीने में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल की जोड़ी के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। पार्टी को इस बार तीन-चौथाई बहुमत मिलेगा। हालांकि बीजेपी की चुनावी रैलियों को देखें तो राज्य में पार्टी की लोकप्रियता में काफी तेजी से गिरावट देखने को मिली है।

16 अक्टूबर को पीएम मोदी की रैली में 10 लाख लोगों के इकट्ठा करने का दावा किया गया था। लेकिन 10 लाख तो छोड़िए रैली में जो लोग शामिल होने आए थे वह पीएम मोदी के भाषण से इतना ऊब गए कि वह संबोधन के बीच में ही मैदान छोड़कर जाने लगे। इसका वीडियो ‘जनता का रिपोर्टर’ ने चलाया था, जो काफी वायरल ही भी हुआ था। इस वीडियो को देख राज ठाकरे ने भी बीजेपी पर निशाना साधा था। (देखिए वीडियो)

एक स्थानीय बीजेपी नेता ने ‘जनता का रिपोर्टर’ को बताया कि रुपानी हमेशा से अमित शाह के बेहद करीबी थे। लेकिन कुछ प्रमुख चुनावी रैलियों के दौरान हालिया घटनाक्रम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नाराज कर दिया है। जिस वजह से रुपानी की जगह अब मनसुख एल. मांडविया को उम्मीदवार बनाने का फैसला किया गया है। बीजेपी नेता के मुताबिक कुछ दिन बाद इसकी आधिकारिक घोषणा भी कर दिया जाएगा।

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने राज्य में 4.33 करोड़ मतदाताओं का प्रबंधन देखने के लिए करीब 8 लाख पन्ना प्रमुखों को नियुक्त है। पिछले महीने अहमदाबाद में प्रधानमंत्री की रैली के लिए उन सभी पन्ना प्रधानों को कम से कम 10 लाख लोगों को एकत्र करने की जिम्मेदारी थी। लेकिन, रैली में आने वाले लोगों की संख्या 1 लाख से भी कम थी।

प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान रैली स्थल छोड़ने वाले लोगों का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। खुद को पन्ना प्रमुख बताने वाले एक स्थानीय बीजेपी नेता का कहना है कि जिस दिन पीएम मोदी की यह रैली फ्लॉप हुई, उसी दिन से बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की बेचैनी बढ़ गई और उन्हें विजय रुपानी पर दाव लगाना भारी पड़ गया।

अमित शाह और डिप्टी CM को करना पड़ा विरोध का सामना

बता दें कि पिछले दिनों बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और राज्य के उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के वरिष्ठ नेता नितिन पटेल को पाटीदार युवाओं के विरोध का सामना करना पड़ा था। अमित शाह ने सरदार पटेल के जन्म स्थल करमसद से 1 अक्टूबर को ‘गुजरात गौरव यात्रा’ की शुरुआत की थी। इस यात्रा की शुरुआत करमसद से हुआ है, जो लौह पुरुष सरकार वल्लभ भाई पटेल का जन्मस्थान है।

इस यात्रा के दौरान अमित शाह को पाटीदार युवाओं के विरोध का सामना करना पड़ा है। करमसद में ही यात्रा की शुरुआत के बाद अमित शाह के भाषण के दौरान पाटीदार युवाओं ने बीजेपी और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। वहीं इससे पहले गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल के प्रेस कांफ्रेंस में भी 26 सितंबर को जोरदार हंगामा हो गया था।

नितिन पटेल मीडिया से बातचीत कर रहे थे उसी दौरान पाटीदार आंदोलन के कार्यकर्ताओं ने प्रेस कॉन्फेंस में ही हंगामा शुरू कर दिया। उस दौरान पाटीदार कार्यकर्ता बीजेपी और गुजरात सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी। हालांकि कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सीएम उम्मीदवार बदलने से बीजेपी के लिए लोगों की नाराजगी कम होने वाली नहीं है।

ऐसा कहा जा रहा कि पिछले दो सालों में उभरकर सामने आए पाटीदार, ओबीसी और दलित समुदायों को प्रभावित करने वाले तीन युवा बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। जिनमें पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और ओबीसी नेता अल्पेश ठाकुर शामिल हैं। बता दें कि गुजरात चुनाव नौ और 14 दिसंबर को होंगे और वोटों की गिनती 18 दिसंबर को होगी।

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