मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की गठबंधन सरकार को बड़ा झटका लगा है। मणिपुर के उप मुख्यमंत्री वाई जयकुमार सिंह समेत नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) के चार मंत्रियों ने बुधवार को प्रदेश की भाजपा नीत सरकार से इस्तीफा दे दिया और वे सभी कांग्रेस में शामिल हो गए।
डेप्युटी सीएम वाई जॉय कुमार सिंह के अलावा जिन तीन अन्य मंत्रियों ने अपने त्यागपत्र दिए, उनमें आदिवासी और पहाड़ी क्षेत्र के विकास मंत्री एन कायिसी, युवा मामले और खेल मंत्री लेतपाओ हाओकिप और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री एल जयंत कुमार सिंह शामिल हैं। मणिपुर सरकार में वाई जॉय कुमार सिंह ने वित्त विभाग भी संभाला रखा था।
सूबे के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को सौंपे अलग-अलग पत्रों में जॉयकुमार, हाओकिप और कायिसी की ओर से कहा गया है कि मैं यह बताने के लिए तैयार हूं कि मैंने मणिपुर की बीजेपी नीत गठबंधन सरकार के कैबिनेट मंत्री से अपना इस्तीफा सौंप दिया है। इस बीच पत्रकारों से बात करते हुए जॉयकुमार सिंह ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री को अपना आधिकारिक इस्तीफा पत्र सौंप दिया है।
राज्य के तीन बीजेपी विधायक एस. सुभाषचंद्र सिंह, टीटी हाओकिप और सैम्युअल जेंदाई ने भी इस्तीफा देते हुए बुधार को कांग्रेस ज्वाइन कर लिया। बता दें कि, पिछले साल भाजपा के गठबंधन सहयोगी नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली राज्य सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा की थी।
Manipur: S Subhashchandra Singh, TT Haokip & Samuel Jendai resign as BJP MLAs&join Congress. NPP's Y Joykumar Singh, N. Kayisii, L Jayanta Kumar Singh & Letpao Haokip, resign from ministerial posts. TMC's T Robindro Singh&Independent MLA Shahabuddin withdraw their support to BJP.
— ANI (@ANI) June 17, 2020
60 सदस्यों वाली मणिपुर विधानसभा में अब सिर्फ भाजपा को सिर्फ 18 विधायकों का ही समर्थन है। साल 2017 में 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 28 सीटें जीतने के बाद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, जबकि भाजपा के खाते में 21 सीटें आई थी। लेकिन, भाजपा बीरेन सिंह के नेतृत्व में राज्य में सरकार बनाने में कामयाब हो गई। उसे नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी), नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) और लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने समर्थन किया था। एनपीपी और एनपीएफ के पास 4-4 विधायत है जबकि एक विधायक एलजेपी के पास है। एन निर्दलीय विधायक और एक टीएमसी विधायक ने भी मणिपुर में भाजपा सरकार का समर्थन किया था।