महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना के मंत्री तानाजी सावंत ने अजीब तर्क देते हुए मंगलवार को रत्नागिरी में बांध टूटने की घटना के लिए केकड़ों को जिम्मेदार ठहराया है। तानाजी सावंत ने तटीय रत्नागिरी जिले में तिवारे बांध में दारार पड़ने की घटना को प्राकृतिक आपदा बताया है। आपको बता दें कि बांध टूटने से कई लोग पानी में बह गए थे। अभी तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, नवनिर्वाचित जल संरक्षण मंत्री ने कहा कि किस्मत में जो लिखा है वही होगा। मंत्री सावंत गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। हैरानी वाली बात तो यह है कि उन्होंने इस मामले में गैर जिम्मेदाराना बयान देते हुए कहा है कि केकड़ों ने बांध की दीवारों को कमजोर कर दिया था, इसलिए बांध टूटा और यह हादसा हुआ।उन्होंने कहा कि अधिकारियों और स्थानीय लोगों ने उन्हें बताया है कि बड़ी संख्या में केकड़ों ने बांध की दीवार को कमजोर कर दिया है।
मंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में केकड़ों ने दीवार को कमजोर कर दिया है। इसकी सूचना सरकार को मिलते ही कई एहतियाती उपाय किए गए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा गठित एसआईटी जल्द इस पर रिपोर्ट पेश करेगी और हमें जल्द पता चल पाएगा कि क्या दिक्कत आई है।
Maharashtra Water Conservation Minister Tanaji Sawant on Ratnagiri's Tiware dam breach: There were no leakages earlier. As large number of crabs have gathered around the dam & leakages happened. Locals had brought the issue to our notice & our department acted on it. (July 4) pic.twitter.com/YpXhdf2qm8
— ANI (@ANI) July 4, 2019
सावंत ने कहा, “बांध साल 2004 में बना था और तब से इसमें कोई दरार नहीं आई.. हालांकि, बांध में केकड़ों की बड़ी समस्या है और इसी कारण से बांध में दरार आई है।” घटना को भारी आपदा बताते हुए मंत्री ने कहा कि दो दिन पहले क्षेत्र में भारी बारिश हुई थी। बारिश 192 मिलीमीटर हुई थी, जिससे बांध का जल स्तर सिर्फ आठ घंटों में आठ मीटर ऊपर उठ गया था।
मंत्री ने कहा कि हालांकि इसकी चर्चा समिति में की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘यह एक दुर्घटना थी, लेकिन मुझे लगता है कि आप अपनी किस्मत नहीं बदल सकते। जो भी होना है, वह होगा। यह एक प्राकृतिक आपदा की तरह है।’ बांध की मरम्मत का काम खराब तरीके से होने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘हमें इसका एहसास तब हुआ जब बांध में पानी जमा होने लगा।’ आपको बता दें कि जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने पिछले साल पुणे में मुथा नहर की दाहिनी दीवार गिरने के लिए चूहों को जिम्मेदार ठहरा कर एक विवाद खड़ा कर दिया था।
NCP का निशाना
महाराष्ट्र के विपक्षी दलों ने तानाजी सावंत की आलोचना की है। एनसीपी ने आरोप लगाया कि वह एक ‘बड़ी मछली’ को बचाने के लिए ‘केकड़ों’ पर आरोप लगा रहे हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि बांध के टूट जाने के लिए शिवसेना नेता सावंत द्वारा केकड़ों को जिम्मेदार ठहराया जाना बेशर्मी की इंतहा है। तटीय रत्नागिरि जिले के चिपलून तहसील में यह बांध मंगलवार को भारी बारिश के बीच टूट गया था और निचले हिस्से में आने वाले कई गांव जलमग्न हो गए थे।
उन्होंने सावंत पर हमला करते हुए इसे उनकी पार्टी (शिवसेना) के विधायक का शर्मनाक बचाव करना बताया, जो बांध का ठेकेदार था। मलिक ने कहा, “आप एक बड़ी और भ्रष्ट शार्क को बचाने के लिए तुच्छ केकड़ों पर आरोप लगाना चाहते हैं? इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। इसकी जांच होनी चाहिए और उन्हें दण्ड मिलना चाहिए।”