महाराष्ट्र सरकार ने विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस और उनके परिवार, उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाइक, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे की सुरक्षा में कटौती कर दी है। वहीं, भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख चंद्रकांत पाटिल की सुरक्षा वापस ले ली है। भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना की है और साथ ही इसे कार्रवाई को बदले की राजनीति बताया है। राज्य भाजपा प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने इसे ‘बदले की राजनीति’ करार दिया।
आठ जनवरी को जारी सरकारी अधिसूचना के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को अब ‘जेड-प्लस’ श्रेणी के बजाए ‘एस्कॉर्ट के साथ वाई-प्लस श्रेणी’ की सुरक्षा मिलेगी। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी अमृता फडणवीस और बेटी दिविजा की सुरक्षा ‘एस्कॉर्ट के साथ वाई-प्लस’ श्रेणी से घटा कर ‘एक्स’ श्रेणी कर दी गई है।
मनसे प्रमुख राज ठाकरे की सुरक्षा ‘जेड’ श्रेणी से घटा कर ‘एस्कॉर्ट के साथ वाई प्लस’ श्रेणी की गई है। भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे, भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल और पार्टी के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार की सुरक्षा वापस ले लिए गई है। राणे के पास ‘वाई-प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा थी। राज्य लोकायुक्त एम एल तहिलियानी की सुरक्षा ‘जेड’ श्रेणी से घटाकर ‘वाई’ श्रेणी की कर दी गई है।
अधिसूचना के अनुसार, सरकार ने दो लोगों की सुरक्षा बढ़ाई है, 11 की सुरक्षा कम की गई है, 16 लोगों की सुरक्षा वापस ली गई है। वहीं, 13 नए लोगों को सुरक्षा दी गई है।
सुरक्षा प्राप्त करने के लिए नए नेताओं में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार और युवा सेना के सचिव वरुण सरदेसाई शामिल हैं। सरदेसाई मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे के रिश्तेदार हैं। दोनों को ‘एक्स’ श्रेणी की सुरक्षा दी गई है।
सरकार के इस निर्णय पर फडणवीस ने कहा कि उन्हें किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं हैं और न ही किसी प्रकार की चिंता है। उन्होंने कहा, ‘मैं जनता का आदमी हूं और इससे लोगों से मिलने के लिए होने वाली यात्रा (कार्यक्रमों) पर कोई असर नहीं पड़ेगा।’ भाजपा की राज्य इकाई के प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता की सुरक्षा ‘बदले की राजनीति’ की तहत घटाई गई है।