जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में एक नाबालिग मासूम बच्ची के साथ हुए गैंगरेप और हत्या का मामला भारत सहित पूरे विश्व में लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। कठुआ के हीरानगर तहसील के रसाना गांव में इसी साल की शुरूआत में जनवरी महीने में आठ साल की बच्ची आसिफा का अपहरण कर उसके साथ एक मंदिर में सामूहिक दुष्कर्म किया गया और फिर उसकी जघन्य तरीके से हत्या कर दी गई। बच्ची के साथ दरिंदगी और हत्या के मामले में स्थानीय लोगों समेत अब तमाम बड़ी हस्तियों का भी गुस्सा देखने को मिल रहा है।
इस बीच बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने शर्मनाक बयान देते हुए दावा किया कि जम्मू-कश्मीर के कठुआ क्षेत्र में आठ वर्षीय बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या के पीछे ‘पाकिस्तानी का हाथ’ है। NDTV के मुताबिक मध्यप्रदेश के खंडवा से सांसद नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि ये पूरी साजिश पाकिस्तान ने रची है। उन्होंने यह बात 12 अप्रैल को अपने उपवास के दौरान एनडीटीवी से बातचीत के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि बच्ची के साथ जो कुछ भी हुआ उसमें पाकिस्तान का हाथ है। कश्मीर में तो 1 फीसदी भी हिन्दू नहीं रहते, जबकि 2011 में आई जनगणना रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू कश्मीर की कुल जनसंख्या 125.41 लाख हो गई थी। जिसमें हिंदुओं की जनसंख्या 35.66 लाख तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि यह कश्मीर की कुल जनसंख्या का 28.43 प्रतिशत। उन्होंने कहा कि भारत में फूट डालने के लिए आरोपी के समर्थन में जय श्री राम के नारे भी लगाए।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने संवाददाताओं से कहा कि, ‘जय श्रीराम का नारा लगाकर यह कृत्य (कठुआ बलात्कार-हत्या) लोगों को बांटने के लिए पाकिस्तानी एजेंटों ने किया होगा।’ वह संसद के बजट सत्र में काम न होने देने के खिलाफ यहां आयोजित अनशन में भाग ले रहे थे। टिप्पणियां वह उन खबरों के बारे में बोल रहे थे जिनमें कहा गया है कि घटना के बाद ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए गए।
चौहान ने कहा कि, ‘यदि लड़की से बलात्कार पर जय श्रीराम के नारे लगाए गए तो यह काम पाकिस्तानी एजेंटों ने किया होगा जो हमारे बीच मतभेद पैदा करना चाहते हैं।’ उन्होंने कहा कि, ‘कश्मीर में हिन्दू एक प्रतिशत से भी कम हैं। वे मुंह तक नहीं खोल सकते हैं, तब वे ये नारे कैसे लगा सकते हैं?’ बीजेपी नेता ने कहा कि यह घटना ‘मानवता पर कलंक’ है।
आपको बता दें कि बच्ची से बर्बर सामूहिक दुष्कर्म और उसके बाद हत्या मामले में 9 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने केस में शामिल आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र (चार्जशीट) दाखिल किया। चार्जशीट की मानें तो आरोपियों की बर्बरता हैरान करने वाली है। बच्ची को नशीली दवाएं पिलाकर बार-बार रेप किया गया। चार्जशीट में कहा गया है कि बच्ची के साथ रेप के बाद आरोपियों ने उसे पत्थर से कुचला ताकि वह यह सुनिश्चित कर सकें कि बच्ची की मौत हो चुकी है।
क्या है पूरा मामला?
अदालत में दाखिल आरोपपत्र के मुताबिक पीड़िता के पिता ने 12 जनवरी 2018 को हीरानगर पुलिस स्टेशन में अपने बच्ची के लापता होने के संबंध में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि उनकी आठ वर्षीय बच्ची 10 जनवरी को घोड़ों को चराने के लिए गई, तबसे वापस नहीं लौटी। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करके बच्ची की तलाश शुरू कर दी। 17 जनवरी को लापता बच्ची का शव जंगल के पास से बरामद किया गया था। 23 जनवरी को राज्य सरकार ने मामले की जांच अपराध शाखा को सौंप दी थी।
मासूम बच्ची से रेप और हत्या के मामले में अभी तक 8 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिसमें 2 स्पेशल पुलिस अफसर, एक हेड कांस्टेबल, एक सब इंस्पेक्टर, एक कठुआ निवासी और एक नाबालिग शामिल हैं। फोरेंसिक जांच में ये बात साबित हो चुकी है कि हत्या के पहले उसे एक धर्मस्थल के अंदर एक हफ्ते तक टार्चर किया गया। इसके बाद से ही इलाके में राजनीतिक उथल पुथल मची हुई है।
हेड कॉन्सटेबल पर सबूत नष्ट करने का आरोप है। जांच में पता चला है कि एक पुलिस कर्मी ने बच्ची की हत्या से पहले उसके साथ दोबारा बलात्कार किया था। ऐसी बाते सामने आने के बाद लोगों में गुस्से की भावना उमड़ पड़ी है। वहीं इस पूरे मामले में आरोपियों को बचाने के लिए हिंदू संगठन के लोग सामने आ गए हैं और बकायदा एक मोर्चा बन गया है, जो आरोपियों को बचाने के लिए लड़ाई लड़ रहा है।
चार्जशीट दाखिल होने के बाद मचा हंगामा
जनवरी में घटित हुए इस अपराध पर अब हंगामा होने का मुख्य कारण पुलिस द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट है। अदालत में दाखिल आरोपपत्र के मुताबिक बच्ची को अगवा करके एक मंदिर परिसर में रखा गया था। वहां उसके साथ एक सप्ताह तक बार-बार नशा दिया गया और उसके साथ कई बार गैंगरेप किया गया। 8 साल की आसिफा सात दिन तक भूख से तड़पती, नशीली दवाओं से सुन्न पड़ी रही। कई दिनों तक उसके साथ कई बार गैंगरेप हुआ। पहले दुपट्टे से उसका गला घोंटा गया और अंत में सिर पर पत्थर मारकर हत्या कर दी गई। यह दिल दहला देने वाली घटना एक मंदिर में हुई।
यह मामला यही नहीं खत्म होती है। गैंगरेप का मास्टरमाइंड उसी धार्मिक स्थल का केयरटेकर है जो की राजस्व अधिकारी रह चुका है। उसने अपने बेटे और भतीजे को इस जघन्य घटना में शामिल किया और धीरे-धीरे पुलिस भी इसमें शामिल हो गई। इतना ही नहीं इस सामूहिक बलात्कार मामले में जम्मू-कश्मीर का एक स्पेशल पुलिस अधिकारी भी शामिल है। चार्जशीट के मुताबिक, मासूम का सिर पत्थर से कुचले जाने से ठीक पहले पुलिस अधिकारियों में से एक ने हत्यारे से कुछ देर रुकने के लिए कहा, ताकि वह एक बार और बच्ची के साथ रेप कर सके। बलात्कारियों में से एक को उत्तर प्रदेश के मेरठ से खासतौर से बुलाया गया था, ताकि वह अपनी ‘हवस पूरी कर सके।
सोची समझी रणनीति के तहत किया रेप और हत्या
दरअसल चार्जशीट में जम्मू कश्मीर पुलिस ने कहा है कि मासूम बच्ची का अपहरण, बलात्कार और उसकी हत्या एक सोची समझी रणनीति के तहत की गई थी। मुख्य अभियुक्त संजीराम ने इस अपराध की साजिश रची थी, ताकि बखेरवाल बंजारा समुदाय के लोगों में डर पैदा किया जा सके और उन्हें रसाना क्षेत्र से खदेड़ा जा सके। मुख्य आरोपी संजी राम ने बकरवाल समुदाय के खिलाफ जानवरों को चराने के लिए जमीन नहीं देने के लिए हिंदुओं को उकसाया था।
चार्जशीट में कहा गया है कि तहसील में हिंदू समुदाय के बीच आम धारणा थी कि बकरवाल गाय की हत्या और नशीले पदार्थों की तस्करी करने में लगे हैं। इससे उनके समुदाय के लोग नशे के शिकार हो रहे हैं। आरोप पत्र में कहा गया कि इसके चलते हिंदू बकरवाल समुदाय के लोगों को धमकाते थे। संजी राम दोनों समुदायों के बीच समझौते के खिलाफ था। वह हिंदुओं से कहता था कि बकरवाल समुदाय को भगाने के लिए एक रणनीति तैयार करें। इलाके में दोनों समुदायों के बीच तनाव की वजह से एफआईआर दर्ज कराने के मामले तेजी से बढ़े हैं।