निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड में मौत की सजा पाए चार मुजरिमों में से दो के वकील ने शुक्रवार (24 जनवरी) को यह आरोप लगाते हुए दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट का दरवाजा खटखटाया कि तिहाड़ जेल प्रशासन कुछ खास दस्तावेजों को सौंपने में देरी कर रहा है।
वकील एपी सिंह ने यह आरोप लगाते हुए अर्जी लगाई कि तिहाड़ जेल प्रशासन ने अब तक दस्तावेज नहीं सौंपे हैं जिनकी अक्षय कुमार सिंह (31) और पवन सिंह (25) के लिए सुधारात्मक याचिका दायर करने के लिए जरूरत है। इस अर्जी पर शनिवार को सुनवाई होने की संभावना है।
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दो अन्य मुजरिमों- विनय कुमार शर्मा (26) और मुकेश सिंह (32) की सुधारात्मक याचिका खारिज कर दी थी। चारों मुजरिमों को अदालत के आदेश के अनुसार एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी पर चढ़ाया जाना है।
2012 Delhi gang-rape case: AP Singh, the lawyer for the convicts, once again moves an application before Patiala House Court. He says that Tihar Jail authorities are yet to release documents that are needed to file curative & mercy petitions for Vinay Pawan and Akshay (convicts). pic.twitter.com/IBWIeHsrgC
— ANI (@ANI) January 24, 2020
निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले के चार दोषियों को फांसी की सजा सुनाने वाले जज का भी तबादला हो गया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा को एक साल के लिए प्रतिनियुक्ति पर अतिरिक्त रजिस्ट्रार के रूप में सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर किया गया है। ट्रांसफर से पहले वह निर्भया दुष्कर्म और हत्या का मामला सुन रहे थे।
बता दें कि, निर्भया सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्याकांड मामले में दिल्ली की अदालत ने शुक्रवार (17 जनवरी) को सभी चारों दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी किया। इस नए डेथ वारंट के अनुसार अब 22 जनवरी की जगह सभी दोषियों को एक फरवरी की सुबह छह बजे फांसी की सजा दी जाएगी।
गौरतलब है कि, दक्षिण दिल्ली में 16-17 दिसंबर 2012 की रात में छात्रा के साथ चलती बस में छह व्यक्तियों ने सामूहिक बलात्कार के बाद उसे बुरी तरह जख्मी करके सड़क पर फेंक दिया था। इस छात्रा की बाद में 29 दिसंबर को सिंगापुर में माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल में मृत्यु हो गई थी।
इस मामले के छह आरोपियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी जबकि एक अन्य आरोपी नाबालिग था, जिसे किशोर न्याय बोर्ड ने दोषी ठहराते हुए तीन साल की सजा सुनाई थी। इस आरोपी को सुधार गृह में तीन साल गुजारने के बाद रिहा कर दिया गया था।