नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लेकर देशभर में चल रहे विरोध-प्रदर्शनों के बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने जातिगत गणना कराने की मांग की है। अपने ट्विटर अकांउट के जरिए लालू यादव ने कहा है कि केंद्र सरकार जगनगणना में कुत्ता, बिल्ली, सियार और सुअर की गिनती कराती है तो पिछड़े और अतिपिछड़ों की गिनती कराने में क्या परेशानी है।
लालू यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, “केंद्र सरकार जनगणना में कुत्ता-बिल्ली, हाथी-घोड़ा, सियार-सुअर सब की गिनती करती है तो पिछड़े और अतिपिछड़ों की गिनती करने में क्या परेशानी है? जनगणना में एक अलग जाति का कॉलम जोड़ने में क्या दिक्कत है? क्या जातिगत जनगणना करेंगे तो 10% की 90 प्रतिशत पर हुकूमत की पोल खुल जायेगी?”
केंद्र सरकार जनगणना में कुत्ता-बिल्ली, हाथी-घोड़ा, सियार-सुअर सब की गिनती करती है तो पिछड़े और अतिपिछड़ों की गिनती करने में क्या परेशानी है? जनगणना में एक अलग जाति का कॉलम जोड़ने में क्या दिक्कत है? क्या जातिगत जनगणना करेंगे तो 10% की 90 प्रतिशत पर हुकूमत की पोल खुल जायेगी? pic.twitter.com/aikN7RC0Jl
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) December 29, 2019
लालू यादव ने अपने अगले ट्वीट में लिखा, “आप मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई सभी गिनते है लेकिन असल पिछड़े-अतिपिछड़े हिंदुओं को गिनने में किस बात का डर है? आप पिछड़े हिंदुओं की जनगणना क्यों नहीं कराना चाहते? आपके पिछड़े हिंदुओं के बारे में इतने नापाक इरादे क्यों है? क्या आप पिछड़े हिंदुओं का हक़ खाकर उन्हें पिछड़ा ही रखना चाहते है।”
आप मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई सभी गिनते है लेकिन असल पिछड़े-अतिपिछड़े हिंदुओं को गिनने में किस बात का डर है? आप पिछड़े हिंदुओं की जनगणना क्यों नहीं कराना चाहते? आपके पिछड़े हिंदुओं के बारे में इतने नापाक इरादे क्यों है? क्या आप पिछड़े हिंदुओं का हक़ खाकर उन्हें पिछड़ा ही रखना चाहते है। pic.twitter.com/5BieAcSF0R
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) December 29, 2019
वहीं इससे पहले शनिवार को एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा था, “कथित NPR, NRC और 2021 की भारतीय जनगणना पर लाखों करोड़ खर्च होंगे। सुना है NPR में अनेकों अलग-2 कॉलम जोड़ रहे है लेकिन इसमें जातिगत जनगणना का एक कॉलम और जोड़ने में क्या दिक्कत है? क्या 5000 से अधिक जातियों वाले 60% अनगिनत पिछड़े-अतिपिछड़े हिंदू नहीं है जो आप उनकी गणना नहीं चाहते?”