राफेल विवाद: लालू ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, बोले- ‘जहजवा ही चुराकर खाने लग गए, वो भी लड़ाकू…गजबे बा’

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राफेल विमान सौदे पर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के सनसनीखेज दावे के बाद भारत में सियासी घमासान जारी है। राफेल सौदे में ‘ऑफसेट साझेदार’ के संदर्भ में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के कथित बयान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विपक्ष लगातार हमला बोल रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राफेल मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि यह ‘स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार का मामला’ है।

दरअसल, फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने मीडियापार्ट को दिए इंटरव्यू में कहा कि राफेल सौदे में रिलायंस का नाम खुद भारत सरकार ने सुझाया था। ओलांद का साक्षात्कार दुनिया के कई टीवी चैनलों पर प्रसारित होने के बाद राफेल सौदे को लेकर सरकार और विपक्ष दोनों की तरफ से प्रतिदिन आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं। उनके इस बयान के बाद विपक्षी पार्टियों के आरोपों को बल मिला और उन्होंने सरकार पर हमलावर तेवर अख्तियार कर लिए है।

इस बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष और चारा घोटाला के कई मामलों में सजा काट रहे लालू प्रसाद ने सोमवार (24 सितंबर) को राफेल सौदे में कथित घपले को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा। लालू के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से तंज कसते हुए लिखा गया है कि अब तो जहाज ही चुराकर खाने लग गए हैं। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर उन्हीं के चुटीले अंदाज में लिखा गया, ‘जहजवा ही चुराकर खाने लग गए वो भी लड़ाकू….ऊ भी मिसाइल से लैस। गजबे बा।’

आपको बता दें कि लालू ने इससे पहले भी ट्वीट कर राफेल मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधा था। लालू ने शुक्रवार को अपने ट्वीट में लिखा था, ‘मित्रों, राफेल सौदे के घालमेल और तालमेल की सही जानकारी 125 करोड़ देशवासियों को मिलनी चाहिए कि नहीं? अगर पूंजीपति मिलनसार प्रधानमंत्री गुनाहगार और भागीदार नहीं है और ईमानदार चौकीदार हैं तो सच बताने में डर काहे का?’

सजा काट रहे लालू अपनी बीमारी के इलाज के क्रम में इन दिनों रांची के एक अस्पताल में भर्ती हैं।

सीवीसी से मिले कांग्रेस नेता, FIR दर्ज करने की मांग

इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने राफेल मामले में सोमवार (24 सितंबर) को केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) के वी चौधरी से मुलाकात कर आग्रह किया कि इस विमान सौदे में हुए कथित ‘भ्रष्टाचार’ को लेकर मामला दर्ज किया जाए और इससे संबंधित रिकॉर्ड की छानबीन की जाए ताकि ‘भ्रष्टाचार, सांठगांठ वाले पूंजीवाद (क्रोनी कैपिटलिज्म), कानून एवं प्रक्रिया के उल्लंघन तथा सरकारी खजाने को हुए नुकसान’ की बात जल्द से जल्द सार्वजनिक हो सके।

दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी पिछले कई महीनों से यह आरोप लगाते आ रहे हैं कि मोदी सरकार ने फ्रांस की कंपनी दसाल्ट से 36 राफेल लड़ाकू विमान की खरीद का जो सौदा किया है, उसका मूल्य पूर्ववर्ती यूपीए सरकार में विमानों की दर को लेकर बनी सहमति की तुलना में बहुत अधिक है। इससे सरकारी खजाने को हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। पार्टी ने यह भी दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौदे को बदलवाया और एचएएल से ठेका लेकर रिलायंस डिफेंस को दिया गया।

 

 

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