केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन सरकार बनाने से पहले ही विवादों में घिर गए है। केरल के नए सीएम पिनराई विजयन के शपथ समारोह का कई बड़े अखबारों में फुल पेज विज्ञापन दिया गया था।
इस विज्ञापन में विजयन की तस्वीर थी और पीछे लाल रंग का बैकग्राउंड। इसकी टैगलाइन थी, ‘केरल को भगवान का खुद का देश बनाने के प्रति वचनबद्ध’।
जनसत्ता के मुताबिक मुख्यमंत्री के इस कदम से गठबंधन की बाकी पार्टियों सहमत नहीं हैं। इसके बाद सीपीआई(एम) में बैचेनी पैदा हो गई और इससे लेफ्ट नेतृत्व भी हैरान है। केरल के एलडीएफ गठबंधन की दूसरी बड़ी पार्टी सीपीआई ने चेताया है कि इस तरह की गतिविधियों का कम्यूनिस्ट पार्टियां समर्थन नहीं करती। सीपीआई(एम) के महासचिव सीताराम येचूरी ने कहा कि सरकार को बुधवार (25 मई) को शपथ लेनी थी। उससे पहले सरकार को कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। हम देखेंगे की यह क्या है और कैसे हुआ। मैंने विज्ञापन नहीं देखा। मैं कोलकाता में था। मैं वहीं से केरल गया हूं।
सीपीआई के महासचिव एस सुधाकर रेड्डी के मुताबिक विज्ञापन में विजयन सरकार कहने की बजाय एलडीएफ सरकार कहना सही होता। अकसर इस तरह की गतिविधियां लेफ्ट और कम्यूनिस्ट पार्टियों में नहीं होतीं। इनको बढ़ावा नहीं दिया जाएगा। इस तरह के विज्ञापन पर पैसा खर्च नहीं होना चाहिए।