कर्नाटक में इस महीने 12 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव में सियासी बाजी जीतने के लिए बीजेपी और सत्ताधारी कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक पार्टियों ने पूरी ताकत झोंक दी है। यह चुनाव केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के लिए कितना महत्वपूर्ण है इसका इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि कर्नाटक चुनाव को देखते हुए सरकार महंगाई के मोर्चे पर आम जनता को राहत देती दिख रही है।
दरअसल, अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के बाद भी भारतीय बाजार में पिछले कुछ समय से तेल की कीमतें नहीं बढ़ी हैं। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी जारी है। लेकिन, जानकारों का मानना है कि 12 मई (मतदान की तारीख) तक भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर रहेंगे। माना जा रहा है कि कर्नाटक चुनाव को देखते हुए पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं हो रही है।
समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक कर्नाटक विधानसभा चुनाव में एक पखवाड़े से भी कम समय को देखते हुए सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम में होने वाली घटबढ रोक दी है। यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इनके दाम में दो डॉलर प्रति बैरल की बढ़ोत्तरी के बावजूद स्थानीय खुदरा दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया है।हालांकि, वित्त मंत्रालय ने आम आदमी को राहत पहुंचाने के लिए उत्पाद शुल्क में किसी भी तरह की कटौती करने से मना कर दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ईंधन के दाम इस समय 55 महीने के उच्च स्तर पर चल रहे हैं। पेट्रोल 74.63 रुपये प्रति लीटर और डीजल 65.93 रुपये प्रति लीटर की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच चुका है। लेकिन इस दौरान सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ने 24 अप्रैल से इनके दाम में बदलाव नहीं किया है। कंपनियों द्वारा रोजाना कीमतों में बदलाव के लिए जारी की जाने वाली अधिसूचना के हिसाब से 24 अप्रैल से ईंधन के दाम स्थिर बने हुए हैं।
एजेंसी के मुताबिक, इस बारे में तेल कंपनियों के अधिकारियों ने कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया, क्योंकि उन्हें इस मसले पर बोलने से मना किया गया है। सूत्रों के अनुसार 24 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल के दाम 78.84 डॉलर प्रति बैरल थे जिसके चलते स्थानीय बाजार में इसकी कीमत 74.63 रुपये प्रति लीटर हो गई। लेकिन अभी अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल की कीमत 80.56 डॉलर प्रति बैरल है, फिर भी स्थानीय बाजार में इसकी कीमत पिछले स्तर पर ही स्थिर बनी हुई है।
इसी प्रकार डीजल की अंतरराष्ट्रीय कीमत भी 84.68 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 86.35 डॉलर प्रति बैरल हो गई है, लेकिन उसके दाम में भी बदलाव नहीं किया गया है। वहीं पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि ईंधन की कीमतों का मंत्रालय से कोई लेना देना नहीं है। यह कंपनियों पर निर्भर करता है कि वह कैसे इसकी कीमत तय करेंगी। उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में 12 मई को विधानसभा चुनाव होने हैं। वहीं, वोटों की गिनती 15 मई को की जाएगी।
तेल कम्पनियों ने पेट्रोल-डीज़ल के दाम 18 अप्रैल के बाद नहीं बढ़ाए हैं. 12 मई को कर्नाटक में वोटिंग है. चुनाव के कुछ फ़ायदे भी हैं ?
— Manak Gupta (@manakgupta) May 2, 2018
तेल कम्पनियों ने पेट्रोल-डीज़ल के दाम 18 अप्रैल के बाद नहीं बढ़ाए हैं. 12 मई को कर्नाटक में वोटिंग है. चुनाव के कुछ फ़ायदे भी हैं ?…….
Jai Hind Jai Bharat
— Er. KANHAIYA KUMAR (@KANHAIY55869805) May 2, 2018
https://twitter.com/ASahiL_/status/991540876089360384
#कर्नाटक चुनाव के पहले कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाना बंद कर दिया है. पिछले 8 दिन से अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क पर हफ्ते भर में 2 डॉलर प्रति बैरल का इजाफा हो चुका है. इसके बावजूद पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़े हैं ? #गुजरात वाला प्रयोग #कर्नाटक मे !
— बाबावाणी بابا وانی (@UmarKhanBaba_) May 2, 2018
कर्नाटक चुनाव तक ऑइल कंपनियों ने रोके पेट्रोल/डीजल के दाम बढ़ाना। मतलब, 15 मई से फिर दाम बढ़ना शुरू हो जायेंगे। सरकार किसी भी पार्टी की हो, जनता नहीं, चुनाव उसकी प्राथमिकता होते है। pic.twitter.com/HnWFC4U5xu
— Anil Dubey (@anilscribe) May 2, 2018
Thank Karnataka for no fuel price hike for a week. @IndiaToday @dpradhanbjp https://t.co/ZOYJfKJP8I
— rahul shrivastava (@Rahulshrivstv) May 2, 2018
But thanks to Karnataka elections, the public sector oil firms have stopped revising petrol and diesel prices !!! pic.twitter.com/7k2oSlQx8g
— Shiva (@ssr99) May 2, 2018