कार्टून चैनलों पर अब जंक फूड के विज्ञापन नहीं दिखाए जाएंगे। सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने गुरुवार (8 फरवरी) को लोकसभा में बताया कि भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (एफएसएसआई) ने बच्चों को ध्यान में रखते हुए कुछ फूड और ड्रिंक्स के विज्ञापनों को स्वेच्छा से नहीं चलाने का फैसला किया है।राठौड़ ने कहा कि जंक फूड (उच्च वसा वाले उत्पाद) से जुड़े भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ जागरूकता फैलाई जा रही है और नौ जानी मानी फूड कंपनियों ने बच्चों के चैनलों पर इस तरह के विज्ञापन नहीं देने का वादा किया है। लोकसभा में विनायक राउत के सवाल के जवाब में सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यर्वधन सिंह राठौड़ ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि भ्रामक विज्ञापनों के प्रसारण के संदर्भ में एफएसएसआई ने 11 सदस्यीय समिति गठित की थी और इस समिति ने अपनी रिपोर्ट दी और इस पर अमल हो रहा है। मंत्री ने कहा कि इस संदर्भ में एफएसएसआई और भारतीय विज्ञापन मानक परिषद के बीच भी समझौता हुआ है। उन्होंने कहा कि 9 नामी फूड कंपनियों ने भरोसा दिलाया कि वे ऐसे विज्ञापन नहीं देंगे।
हालांकि, सरकार ने साफ कहा है कि टीवी पर जंक फूड के विज्ञापनों पर बैन का कोई प्रस्ताव नहीं है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी से जब पूछा गया कि क्या केंद्र सरकार ने कार्टून चैनलों पर जंक फूड के विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है? इस सवाल का लिखित जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘देखिए, अभी ऐसा कोई प्रस्ताव सरकार की ओर से नहीं दिया गया है।’
हालांकि उन्होंने बताया कि 9 प्रमुख खाद्य कंपनियों ने बच्चों के चैनलों पर जंक फूड के विज्ञापन नहीं देने का फैसला किया है। मंत्री ने कहा कि इस बारे में एफएसएसएआई और भारतीय विज्ञापन मानक परिषद के बीच समझौता हुआ है। उन्होंने कहा कि 9 नामी फूड कंपनियों ने विश्वास दिलाया है कि वे ऐसे विज्ञापन कार्टून चैनलों पर नहीं देंगे।
(भाषा के इनपुट्स के साथ)