जेवर कांड : मोबाइल कॉल रिकॉर्ड से अपराधियों का सुराग लगाने में असफल रही पुलिस

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25 मई को आठ व्यक्ति जेवर से बुलंदशहर जा रहे थे, बीती रात करीब 1:30 बजे कुछ बदमाशों ने इस परिवार के साथ गाड़ी रोककर गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया था साथ ही साथ विरोध करने वाले ड्राईवर की हत्या कर दी थी व लूट को अंजाम देकर बदमाश फरार हो गए थे। अब इस मामले में पुलिस को अपराध स्थल से किसी भी मोबाइल फोन का कॉल रिकॉर्ड नहीं मिला है।

इस मामले में पुलिस को निराशा हाथ लगी है। पुलिस वारदात के पांचों अपराधियों को पकड़ने के लिए अपने सूचना नेटवर्क पर अब निर्भर है। इस समूह की चार महिलाओं के साथ कथित तौर पर बलात्कार हुआ जबकि एक परिवार के एक सदस्य की अपराधियों ने हत्या कर दी थी। उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (STF) के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने पाया है कि अपराधियों ने अपराध के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं किया था।

जेवर पुलिस और उत्तर प्रदेश विशेष कार्य बल दल ने अपराध स्थल क्षेत्र में 25 मई की रात एक बजे से सुबह चार बजे तक के कॉल डिटेल की जांच की है और पाया है कि उस समय क्षेत्र में 2500 फोन नंबर काम कर रहे थे। अधिकारी ने बताया कि इन फोन नंबरों की कॉल डिटेल की जांच की गई है लेकिन कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। उन्होंने बताया कि हो सकता है कि अपराधियों ने अपराध के दौरान पुलिस के डर से फोन का इस्तेमाल न किया हो।

अधिकारियों ने बताया कि पीड़ितों के तीन मोबाइन फोन भी अपराध के दौरान काम नहीं कर रहे थे। पीड़ितों से अपराधियों ने कथित तौर पर फोन छीन लिया था। पुलिस ने पीड़ितों को 100 संदिग्ध लोगों की तस्वीरें भी दिखाई है लेकिन वह अपराधियों को पहचानने में नाकामयाब हैं।

अधिकारी ने बताया कि पीड़ितों का कहना है कि अपराध के समय काफी अंधेरा था जिससे अपराधियों की पहचान तस्वीर से करना मुश्किल है। वहीं पीड़ित के परिवार के लोगों ने कल जेवर तहसील में प्रदर्शन किया और अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने न्याय नहीं मिलने पर आत्महत्या की धमकी भी दी है।

पीड़ितों के परिवारवालों ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री से उनके नोएडा दौरे के दौरान मिलेंगे और अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग करेंगे। वहीं नोएडा के पूर्व विधायक और भाजपा नेता विमला बाथम ने दावा किया है कि पीड़ित परिवार पुलिस द्वारा प्रारंभिक जांच में बलात्कार की घटना को नकारने से नाराज है।

उन्होंने दावा किया है कि पुलिस को पीड़ितों के खिलाफ बयान देने की अपेक्षा अपराधियों को गिरफ्तार करने पर ध्यान देना चाहिए।वहीं 26 मई को पुलिस ने चार लोगों को यमुना एक्सप्रेस वे पर लूटपाट और कथित बलात्कार की घटना में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। जेवर के पुलिस उपाधीक्षक दिलीप सिंह ने कहा, ‘‘जैसे ही हम संदिग्धों के शामिल होने की पुष्टि करेंगे। हम उन्हें गिरफ्तार करेंगे। वहीं अन्य संदिग्ध्य लोगों से भी पूछताछ हो रही है।

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