गुरुवार (20 सितंबर) को मुंबई से जयपुर जा रही जेट एयरवेज की एक उड़ान में चालक दल के सदस्य ‘केबिन प्रेशर’ नियंत्रित रखने वाली स्वीच ऑन करना भूल गये, जिसके चलते करीब 30 यात्रियों के नाक और कान से खून निकलने लगा था।
समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के एक अधिकारी ने बताया कि उड़ान भरते समय चालक दल के सदस्य ‘ब्लीड स्वीच’ सेलेक्ट करना भूल गये जिसकी वजह से केबिन प्रेशर सामान्य नहीं रखा जा सका। इस वजह से ऑक्सीजन मॉस्क नीचे आ गये।
जेट एयरवेज के प्रवक्ता ने बताया कि केबिन प्रेशर में कमी आने के कारण बोईंग 737 विमान को वापस मुंबई लौटना पड़ा। जांच पूरी होने तक विमान के पायलटों को ड्यूटी से हटा दिया गया है। शुरूआती सूचनाओं के आधार पर अधिकारी ने बताया कि कुछ यात्रियों के नाक से रक्त स्राव हुआ।
उन्होंने कहा, ‘विमान में 166 यात्री सवार थे, जिनमें से 30 यात्रियों को यह समस्या आई… कुछ की नाक से जबकि कुछ अन्य के कान से रक्त स्राव हुआ। वहीं कुछ लोगों को सिर दर्द की परेशानी हुई।’ उड़ान 9 डब्ल्यू 697 में 166 यात्री और चालक दल के पांच सदस्य सवार थे।
जेट एयरवेज की मुंबई-जयपुर फ्लाइट में सवार यात्रियों के नाक-कान से बहने लगा खून
जेट एयरवेज की मुंबई-जयपुर फ्लाइट में सवार यात्रियों के नाक-कान से बहने लगा खून, विमान की करानी पड़ी इमरजेंसी लैंडिंग https://www.jantakareporter.com/hindi/jet-airways-mumbai-jaipur-flight/209024/
Posted by जनता का रिपोर्टर on Wednesday, 19 September 2018
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बाद करीब 5 यात्रियों को इलाज के लिए सिटी अस्पताल भेजा गया। मगर अब इन्हीं पांच में से एक जेट एयरवेज के यात्री ने एयरलाइन से 30 लाख रुपये का मुआवजा तथा 100 अपग्रेड वाउचर्स की मांग की है। एयरलाइन के सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। यात्री ने एयरलाइन द्वारा देखभाल में कमी का आरोप लगाया है।
सूत्रों के मुताबिक, इसके अलावा यात्री ने उड़ान का वीडियो भी ‘शेयर’ करने की धमकी दी है। बता दें कि जेट एयरवेज की इस उड़ान में कॉकपिट क्रू के सदस्य केबिन वायु दबाव को नियंत्रित करने वाले स्विच को खोलने में विफल रहे थे। इस वजह से विमान में सवार करीब 30 यात्रियों के नाक व कान से खून आने लगा था।
कानून के तहत यदि कोई यात्री किसी एयरलाइन से यात्रा के समय घायल होता है तो एयरलाइन को उसे मुआवजा देना होता है। एक सूत्र ने कहा कि यात्री ने दावा किया है कि जेट एयरवेज ने यात्रियों का ध्यान नहीं रखा। ऐसे में उसे 30 लाख रुपये का मुआवजा तथा 100 अपग्रेड वाउचर दिए जाएं ताकि वह इकनॉमी श्रेणी के टिकट पर बिजनेस श्रेणी में यात्रा कर सके।
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि शुरूआती सूचनाओं के अनुसार यह पायलटों की लापरवाही का मामला है क्योंकि केबिन प्रेशर की जांच करना उड़ान भरने से पहले ही प्रक्रिया में शामिल है।अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच पहले डीजीसीए करेगा। उसके बाद ही फैसला होगा कि मामले की जांच एएआईबी को सौंपनी है, या नहीं। बेहद गंभीर मामलों की जांच की एएआईबी को सौंपी जाती है।