डायरेक्टर शेखर कपूर के ट्वीट पर भड़के गीतकार जावेद अख्तर, जमकर लगाई लताड़

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फ़िल्म निर्माता शेखर कपूर के एक ट्वीट पर बॉलीवुड के जाने-माने गीतकार जावेद अख़्तर इतना नाराज़ हो गए कि उन्होंने शेखर कपूर को दिमाग के डॉक्टर के पास जाने की हिदायत दे डाली। दरअसल, हाल ही में शेखर कपूर ने ट्विटर पर ‘बुद्धिजीवियों’ पर निशाना साधते हुए उनकी तुलना सांप से की थी। शेखर कपूर ने शनिवार को एक ट्वीट कर लिखा था कि उन्हें इस देश में रिफ्यूजी जैसा महसूस होता है और उन्हें यहां के बुद्धिजीवियों से डर लगता है। शेखर कपूर का यह ट्वीट देख गीतकार जावेद अख्तर भड़क गए और उन्होंने ट्विटर पर उनके ट्वीट पर जवाब देते हुए जमकर उन्हें लताड़ लगाई।

शेखर कपूर

शेखर कपूर ने अपने ट्वीट में लिखा था, “बंटवारे के बाद एक रिफ़्यूजी के रूप में ज़िंदगी शुरू की थी। मां-बाप ने बच्चों की ज़िंदगी बनाने के लिए सब कुछ दिया। मुझे हमेशा बुद्धिजीवियों से डर लगता रहा। उन्होंने मुझे हमेशा छोटा महसूस करवाया। फिर अचानक से मेरी फिल्मों के बाद मुझे गले लगा लिया। मुझे अब भी उनसे डर लगता है। उनका गले लगाना सांप के काटने जैसा है। मैं आज भी एक रिफ्यूजी जैसा हूं।”

हालांकि मशहूर गीतकार जावेद अख्तर को शेखर का यह ट्वीट पसंद नहीं आया और उन्होंने एक के बाद एक तीन ट्वीट में उन्हें कड़ा जवाब दिया। जावेद अख्तर ने अपने पहले ट्वीट में लिखा, “ये कौन बुद्धिजीवी हैं जिन्होंने आपको गले लगाया और ये गले लगाना आपको सांप के डंसने जैसा लगा? श्याम बेनेगल, अडूर गोपाल कृष्णन, रामचंद्र गुहा? वास्तव में? शेखर साहब आप ठीक नहीं लग रहे। आपको मदद की आवश्यकता है। चलिए, किसी अच्छे मनोचिकित्सक से मिलने में कोई शर्म नहीं होनी चाहिए।”

जावेद अख्तर ने अगले ट्वीट में लिखा, “आपका क्या मतलब है कि आप अभी भी रिफ्यूजी (शरणार्थी) हैं। क्या इसका मतलब है कि आप अब भी ख़ुद को बाहरी व्यक्ति महसूस करते हैं, भारतीय नहीं और आपको नहीं लगता कि ये आपकी ही मातृभूमि है? अगर भारत में आप अब भी रिफ़्यूजी हैं तो वो कौन सी जगह है जहां आपको रिफ़्यूजी न होने का अहसास होगा, पाकिस्तान में? अमीर लेकिन अकेला आदमी, ये अतिनाटकीयता बंद कर दीजिए।”

इस पर जवाब देते हुए शेखर कपूर ने लिखा, “नहीं। इसका मतलब है कि एक बार अगर आप रिफ्यूजी (शरणार्थी) हो गए तो आप हमेशा बंज़ारों की तरह महसूस करने लगते हैं।”

अपने तीसरे ट्वीट में जावेद अख्तर ने लिखा, ”आपने अपने आपको इस तरह से पेश किया है कि आपको न तो अतीत के पूर्वाग्रहों से कोई मतलब है और न ही भविष्य में किसी तरह से डरे हुए हैं। और उसी सांस में आप कहते हैं कि आप बंटवारे के समय से शरणार्थी हैं और अब भी शरणार्थी हैं। विरोधाभास देखने के लिए मैग्निफ़ाइंग लेंस लगाने की ज़रूरत नहीं है।”

बता दें कि, देश की जानी मानी 49 हस्तियों ने देश में बढ़ रही मॉब लिंचिंग के ख़िलाफ प्रधानमंत्री को एक खुला पत्र लिखा था। इसमें प्रधानमंत्री से मॉब लिंचिंग के ख़िलाफ कड़ा कानून बनाने की मांग की गई थी। शेखर कपूर ने 49 आर्टिस्ट्स के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मॉब लिंचिंग को रोकने के लिए लेटर लिखने के बाद ये ट्वीट किए थे।

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