मानवाधिकार कार्यकर्ता और पीपुल्स रिसर्जेजेंस एंड जस्टिस अलायंस (पीआरएजेए) की उम्मीदवार इरोम शर्मिला ने चुनाव हारने के बाद बड़ा फैसला लिया है। वह थौबल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ी थीं और वहां से हार गई जिसके बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति से सन्यास लेने का फैसला किया है। इरोम को केवल 90 वोट मिले थे।
Legal Indiaसन्यास की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि ‘मैं इस राजनीतिक प्रणाली से आजिज आ चुकी हूं. मैंने सक्रिय राजनीति छोड़ने का फैसला लिया है. मैं दक्षिण भारत चली जाउंगी क्योंकि मुझे मानसिक शांति चाहिए.’
‘लेकिन मैं आफस्पा के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखूंगी, जबतक वह हटा ना लिया जाये। लेकिन मैं सामाजिक कार्यकर्ता की भांति लड़ती रहूंगी।’ मणिपुर के थोबल सीट से मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने वाली शर्मिला चौथे स्थान पर रहीं।बता दें कि, इरोम शर्मिला थौबल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ी थीं और इसी सीट से मणिपर के मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी भी मैदान में थे। वहीं भाजपा ने इस सीट से लीतानथेम बसंता सिंह को उम्मीदवार बनाया था। चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक, इरोम शर्मिला को केवल 90 वोट मिले है।