बिहार के मुजफ्फरपुर के ‘बालिका गृह’ नाम के नारी निकेतन में मासूम बच्चियों के साथ यौन शोषण के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर पर कोर्ट परिसर में स्याही फेंकी गई है। बता दें कि ब्रजेश ठाकुर पर यह स्याही मुजफ्फरपुर कोर्ट परिसर में पेशी के वक्त फेकी गई। जिसके चलते अदालत के बाहर थोड़ी देर के लिए हंगामा हो गया था, लेकिन पुलिस ने स्थिति को संभाल लिया।
दरअसल, मुजफ्फरपुर के पॉक्सो कोर्ट में पेशी के दौरान जब ब्रजेश ठाकुर को लाया गया तो वहां कुछ लोग उसके खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। इसी दौरान वहां पर मौजूद एक महिला ने अचानक ब्रजेश ठाकुर पर काली स्याही फेंक दिया। स्याही ब्रजेश ठाकुर के चेहरे और कपड़ों पर पड़ा। जिसके चलते अदालत के बाहर थोड़ी देर के लिए हंगामा हो गया था, लेकिन पुलिस ने स्थिति को संभाल लिया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना से पहले जब ब्रजेश ठाकुर को कोर्ट परिसर में लाया गया तो उसने मीडिया से अपनी सफाई पेश करते हुए कहा कि मैं निर्दोष हूं, मेरे खिलाफ एक भी सबूत नहीं हैं। बच्चियों को प्रलोभन दिया गया है। बच्चियों के मेडिकल में बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, साथ ही ब्रजेश ठाकुर ने कहा कि मैं कांग्रेस में शामिल होने की सोच रहा था और यह लगभग पूरी तरह से तय हो गया था कि मैं मुजफ्फरपुर से चुनाव लड़ूंगा। यह सब उसी की वजह से हो रहा है। ब्रजेश ठाकुर ने कहा कि पूरे मामले मे उसे साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। जहां एक ओर ब्रजेश ठाकुर पूरे मामले पर अपनी सफाई दे रहा था वहीं दूसरी ओर उसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी हो रहा था।
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यह मामला मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में रह रहीं लड़कियों के मानसिक, शारीरिक एवं यौन उत्पीड़न से संबंधित है। बालिका गृह में 34 बच्चियों के यौन उत्पीड़न के सनसनीखेज खुलासे के बाद घटना की चर्चा पूरे देश में हो रही है।
कौन है ब्रजेश ठाकुर?
दरअसल यह बालिका गृह ब्रजेश ठाकुर के घर में चल रहा था। ब्रजेश ठाकुर हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में प्रकाशित होने वाले तीन अखबारों का मालिक है। उस पर इन अखबारों की कुछ प्रतियां छपवाकर उस पर बड़े-बड़े सरकारी विज्ञापन पाने में कामयाब होने के आरोप है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ब्रजेश तीन अखबारों मुजफ्फरपुर से प्रकाशित एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र ‘प्रात: कमल’, पटना से प्रकाशित एक अंग्रेजी अखबार ‘न्यूज नेक्स्ट’ और समस्तीपुर जिला से उर्दू में प्रकाशित एक अखबार ‘हालात ए बिहार’ से प्रत्यक्ष या परोक्ष से जुड़ा हुआ है।अखबारों का दफ्तर भी इसी बालिका गृह के कैंपस में है।