भारत ने कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की उस रिपोर्ट को खारिज किया है जिसमें कथित तौर पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगाए गए हैं। भारत ने यूएन की इस रिपोर्ट पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट को गलत और खास नजरिये से प्रेरित बताया है। एक कड़ी प्रतिक्रिया में विदेश मंत्रालय ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की यह रिपोर्ट ‘अत्यधिक पूर्वाग्रह’ से ग्रसित है और झूठे नैरेटिव बनाने की कोशिश कर रही है। भारत ने साफ किया कि पूरा का पूरा कश्मीर भारत का हिस्सा है।
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक, भारत ने संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट को ‘भ्रामक, पक्षपातपूर्ण और प्रेरित’’ बताकर गुरुवार (14 जून) को खारिज कर दिया। विदेश मंत्रालय ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि रिपोर्ट पूरी तरह से पूर्वाग्रह से प्रेरित है और गलत तस्वीर पेश करने का प्रयास कर रही है। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि यह देश की सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन है।
India rejects report. It is fallacious, tendentious and motivated. We question intent in bringing out report. It is a selective compilation of largely unverified information: MEA on report by Office of UN High Commissioner for Human Rights on “human rights situation in Kashmir"
— ANI (@ANI) June 14, 2018
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को जारी रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र ने भारत और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन की बात कही है और इस बारे में अंतरराष्ट्रीय जांच कराने की मांग की है। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत इस रिपोर्ट को खारिज करता है। यह ‘भ्रामक, पक्षपातपूर्ण और प्रेरित है। हम ऐसी रिपोर्ट की मंशा पर सवाल उठाते हैं।’’ इसमें कहा गया है कि इस रिपोर्ट को काफी हद तक अपुष्ट सूचना को चुनिंदा तरीके से एकत्र करके तैयार किया गया है।
विदेश मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र समेत पूरी दुनिया को एक बार फिर याद दिलाया है कि पूरा का पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और पाकिस्तान ने भारत के एक हिस्से पर जबरन अपना कब्जा कर रखा है। मंत्रालय ने कहा कि यह रिपोर्ट भारत की सम्प्रमुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करती है। सम्पूर्ण जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। पाकिस्तान ने भारत के इस राज्य के एक हिस्से पर अवैध और जबरन कब्जा कर रखा है।’’