उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद गरीबों के गरीबी का अपमान की लगातार खबरें आ रही हैं। जिस वजह से विपक्ष योगी सरकार पर गरीब विरोधी होने का आरोप लगा रही है। इन आरोपों को तब और बल मिला जब मिर्जापुर में सीएम योगी आदित्यनाथ के दौरे से ठीक पहले अस्तपाल का गेट बंद कर दिया गया और मरीजों को अंदर जाने से प्रशासन ने रोक दिया।
अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों की इस लापरवाही की वजह से एक मरीज को अपनी जान गंवानी पड़ी। रिपोर्ट के मुताबिक, गेट बंद होने की वजह से अस्पताल के बाहर ही मरीज की मौत हो गई। बता दें कि इससे पहले भी देवरिया और कुशीनगर में सीएम आदित्यनाथ के दौरे के दौरान प्रशासनिक अमानवीयता का क्रूर उदाहरण देखने मिला था।
रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार(3 जून) को सीएम योगी के मिर्जापुर स्थित मंडलीय चिकित्सालय में आगमन की सूचना मिलते ही सुबह करीब 11 बजे से मरीजों के अस्पताल में आने पर पाबंदी लगा दी गई। इस दौरान कई दिनों से बीमार चल रहे जिले के लालगंज थाना क्षेत्र के बामी गांव निवासी राजन (17 वर्ष) को लेकर उसके परिवार वाले पहुंचे। लेकिन जैसे ही परिजन मरीज को लेकर गेट पर पहुंचे तो उन्हें रोक दिया गया।
मरीज के परिवार वाले अधिकारियों के सामने अंदर जाने देने के गिड़गिड़ाते रहे लेकिन किसी ने उनकी एक न सुनी और कुछ देर बाद राजन ने दम तोड़ दिया। उधर, मंडलीय चिकित्सालय प्रतिदिन मरीजों से पटा रहता था, लेकिन शनिवार को लगभग दो सौ से अधिक मरीज नहीं आए।
बता दें कि इससे पहले आगरा के अस्पताल में योगी सरकार के मंत्री को खुश करने के लिए अधिकारियों ने तड़पते मरीजों को अस्पताल से बाहर निकाल दिया, क्योंकि मंत्री जी दौरा करने वाले थे। आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में 27 मई को योगी सरकार के मंत्री आशुतोष टंडन दौरा किए।