उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है, जो बेहद ही चौंका देने वाला है। यहां कोरोना से मरने वालों की लिस्ट में जीवित महिला का नाम शामिल कर दिया गया। इतना ही नहीं स्वास्थ्य विभाग की तरफ से महिला को कोरोना मृतक का मुआवजा ले जाने के लिए कॉल तक आ गया।
इस बात का खुलासा उस वक्त हुआ, जब जिले के कोरोना कंट्रोल रूम से मुआवजा देने के लिए शकुंतला देवी के परिजनों को कागजी कार्यवाई के लिए फोन किया गया तो उधर से महिला व उसके परिजनों ने स्वयं बताया कि वह जीवित है, तो मुआवजा क्यों ले।
अलीगढ़ के नोडल COVID-19 सैंपलिंग राहुल कुलश्रेष्ठ ने बताया, ‘जिले के पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अप्रेल-मई महीने में घातक वायरस की दूसरी लहर के दौरान COVID-19 से मरने वालों की एक लिस्ट तैयार की थी। लिस्ट में तत्कालीन सीएमओ ने अनजाने में पीड़िता शकुंतला देवी का नाम मृतकों की लिस्ट में जोड़ दिया।’
कुलश्रेष्ठ के मुताबिक, मामला तब सामने आया जब वर्तमान सीएमओ डॉ आनंद ने स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे प्रत्येक पीड़ित परिवार के सदस्य को फोन करें और उन्हें संबंधित स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय से मुआवजे के रूप में 50,000 रुपये लेने के लिए कहें।
पीड़िता का कहना है कि, मुझे दूसरी लहर के दौरान कोरोना संक्रमण हुआ था और दस दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती थीं। बाद में उन्होंने मुझे छुट्टी दे दी और मेरा इलाज चल रहा था। महिला ने बताया, ‘मुझे अपनी मौत के बारे में तब पता चला जब स्वास्थ्य अधिकारियों ने परिवार के सदस्यों को सत्यापन के लिए बुलाया और मुआवजा लेने के लिए कहा।’
"I am receiving calls (from concerned officials) informing that I am shown dead in the list, "said Shakuntala Devi (30.12) pic.twitter.com/1qzc09Yqud
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 31, 2021
गौरतलब है कि, जहां एक ओर कोरोना से मृत हुए लोगों के परिजन मुआवजे के लिए भटक रहे हैं, वहीं, स्वास्थ्य विभाग जीवित लोगों से मृतकों की लिस्ट बना कर बैठा हुआ है। बता दें कि जिले में कोरोना से मरने वालों की लिस्ट में 108 लोगों के नाम अंकित किए गए हैं।
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