इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक याचिका पर उत्तर प्रदेश के मंत्री सत्यपाल सिंह बघेल को नोटिस जारी किया है। इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि बघेल अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए हैं, जबकि वह अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं।
न्यायमूर्ति महेश चन्द्र त्रिपाठी की एकल पीठ ने यह आदेश, राकेश बाबू की याचिका पर पारित किया, जिन्होंने फिरोजाबाद जिले के टुंडला विधानसभा क्षेत्र से बघेल के निर्वाचन को चुनौती दी है। टुंडला से दो बार विधायक रहे राकेश बाबू ने बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और वह 50,000 हजार से अधिक मतों से बघेल से हार गए थे।
अपनी याचिका में बाबू ने कहा कि बघेल पूर्व में उत्तर प्रदेश में बीजेपी के ओबीसी मोर्चा के प्रमुख थे और उन्होंने अनुसूचित जाति के दर्जे पर दावा करने के लिए फर्जी जाति प्रमाण पत्र जमा कर टुंडला से चुनाव लड़ा था।
बता दें कि पूर्व सपा नेता बघेल 2014 के लोकसभा चुनावों से ठीक पहले बीजेपी में शामिल हुए थे और वर्तमान में योगी आदित्यनाथ की सरकार में वह मत्स्य, लघु सिंचाई और पशुपालन मंत्री हैं। अदालत ने 26 मई, 2017 के अपने आदेश में बघेल को सुनवाई की अगली तारीख 18 अगस्त को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।