#MeToo: एमजे अकबर पर लगे 'यौन उत्पीड़न' के आरोपों पर सुषमा स्वराज के बाद अब रविशंकर प्रसाद ने साधी चुप्पी, 6 महिला पत्रकारों ने लगाए हैं गंभीर आरोप

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अभिनेत्री तनुश्री दत्ता द्वारा मशहूर अभिनेता नाना पाटेकर पर यौन शोषण का आरोप लगाए जाने के बाद अब अलग-अलग इंडस्ट्री की बाकी हस्तियों ने भी अपने साथ हुए यौन दुर्व्यवहार के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है। नाना पाटेकर के बाद जहां डायरेक्टर विकास बहल, मशहूर सिंगर कैलाश खेर, प्रसिद्ध लेखक चेतन भगत, अभिनेता रजत कपूर, मॉडल जुल्फी सैयद, फिल्मों और टीवी जगत के ‘संस्कारी बाबू’ यानी अभिनेता आलोक नाथ सहित ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ (एचटी) के ब्यूरो प्रमुख और राजनीतिक संपादक प्रशांत झा पर भी यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगे हैं।
(File Photo: Twitter/@IndianEmbJkt)
फिल्म इंडस्ट्री से ‘मी टू’ अभियान (यौन उत्पीड़न के खिलाफ अभियान) की शुरुआत होने के बाद इसकी चपेट में मीडिया जगत भी आ गया है और इसकी लपटें मोदी सरकार के एक मंत्री को अपने लपेटे में ले रही हैं। अपने समय के मशहूर संपादक व वर्तमान में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एम.जे.अकबर पर 6 वरिष्ठ महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, छह महिला पत्रकारों ने पूर्व संपादक और विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न और अनुचित व्यवहार के आरोप लगाए हैं।
सरकार के मंत्रियों ने साधी चुप्पी
केंद्र सरकार ने बुधवार (10 अक्टूबर) को केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर पर लगे यौन दुर्व्यवहार के आरोपों पर चुप्पी बनाए रखी, जबकि कांग्रेस ने अकबर के इस्तीफे की मांग की। दरअसल, केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंत्रिमंडल के निर्णय की जानकारी पत्रकारों को दी लेकिन उन्होंने अकबर और ‘मी टू’ अभियान समेत किसी भी अन्य मामले पर कोई जवाब नहीं दिया।
समाचार एजेंसी IANS के मुताबिक, अकबर पर लगे आरोपों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “आज का मुद्दा मंत्रिमंडल निर्णय है, कृपया उस पर ध्यान लगाए।” मामले पर जब पत्रकारों ने जवाब देने के दबाव डाला, तो प्रसाद ने दोबारा कहा, “मुद्दा मंत्रिमंडल निर्णय का है।”
आपको बता दें कि इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी मंगलवार को अकबर के विरुद्ध लगे आरोपों के बारे में पूछे जाने कोई जवाब नहीं दिया था। जब पत्रकारों ने मामले पर जवाब देने के लिए दबाव डाला और पूछा कि क्या मामले के संबंध में कोई जांच होगी, तो वह वहां से कोई जवाब दिए बिना ही चली गईं।


कांग्रेस ने मांगा इस्तीफा
कांग्रेस नेता जयपाल रेड्डी ने कहा कि अकबर पर लगे आरोप गंभीर हैं। इस पर उन्हें स्पष्टीकरण देना चाहिए या फिर इस्तीफे की पेशकश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम पूरे मामले की जांच की मांग करते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा, “केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर को या तो (यौन उत्पीड़न) आरोपों पर संतोषजनक जवाब देना चाहिए या फिर इस्तीफा देना चाहिए। हम इस मामले में जांच की मांग करते हैं”



6 महिलाओं ने लगाया आरोप
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सबसे पहले प्रिया रमाणी (जो पहले इंडिया टुडे, द इंडियन एक्सप्रेस और मिंट में काम कर चुकी हैं) ने एमजे अकबर पर होटल के कमरे में बुलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने अक्टूबर 2017 के अपने एक लेख में उस अनुभव को साझा किया था। उन्होंने लिखा कि उनकी उम्र उस समय 23 साल थी और एम जे अकबर की 43 साल। संपादक ने उन्हें एक जॉब के इंटरव्यू के सिलसिले में मुंबई के एक होटल में बुलाया था, जहां वे अक्सर ठहरते थे।
इसके अलावा एमजे अकबर द्वारा मुंबई में एक होटल के कमरे में बातचीत के दौरान अपने अनुभव को साझा करते हुए स्वतंत्र पत्रकार कनिका गहलोत, जिन्होंने 1995 से 1997 तक एशियन युग और अन्य प्रकाशनों में अकबर के साथ काम किया, ने कहा कि, “मैंने रमाणी के लेख को नहीं पढ़ा था। लेकिन उन्होंने कई के साथ ऐसा किया है। मैंने अकबर के साथ तीन वर्षों तक काम किया। लेकिन शुरूआत में ही मुझे एक ने अागाह कर दिया था।”
वहीं, सुपर्णा शर्मा, जो अभी दिल्ली में द एशियन एज की रेजिडेंट एडिटर हैं, की उम्र उस समय करीब 20 साल थी। वे उस अखबार की लॉन्च टीम का हिस्सा थी, जहां उन्होंने 1993 से 1996 तक काम किया। वे अकबर को रिपोर्ट करती थीं। एक दिन वह अखबार का पेज बना रही थीं और अकबर उनके पीछे खड़े थे। शर्मा याद करते हुए बताती हैं, “उन्होंने मेरी ब्रा स्ट्रीप को खिंचा और कुछ कहा। मैं तुरंत उनके उपर चिल्लाई।” साथ ही शर्मा ने कई गंभीर आरोप लगाई हैं।
लेखिका शुमा राह ने बताया कि उन्हें एशियन एज में नौकरी के सिलसिल में एमजे अकबर के साथ एक इंटरव्यू के लिए 1995 में कोलकाता के ताज बंगाल होटल में बुलाया गया था। वे कहती हैं, “जब वे लॉबी में पहुंची, मुझे उपर आने कहा गया। मैंने ज्यादा नहीं सोचा। लेकिन इंटरव्यू के दौरान बेड पर बैठना मुझे काफी असहज लगा। अकबर ने मुझे जॉब आॅफर किया और कहा कि क्यों नहीं आप कभी मेरे साथ ड्रिंक पर आएं?” राहा ने कहा कि मैं इस टिप्पणी से डर गई अौर नौकरी नहीं ज्वाइन किया।
इसके अलावा पत्रकार प्रेरणा सिंह बिंद्रा ने एमजे अकबर का नाम लिए बिना इसी तरह की एक घटना के बारे में 7 अक्टूबर को ट्वीट किया। वे कहती हैं, “एक ‘प्रख्यात’ संपादक ने मुझे ‘काम पर चर्चा’ करने के लिए होटल में बुलाया और फिर जब मैंने मना कर दिया तो पढ़ रहे मैगजीन को बेड पर रख दिया।” हालांकि सोमवार (8 अक्टूबर) को बिंद्रा ने अकबर का नाम शामिल किया। मंगलवार को अकबर के खिलाफ एक और पत्रकार सामने आईं। शतापा पॉल ने रमाणी के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा, “मी टू। एमजे अकबर 2010-11 कोलकाता में इंडिया टुडे में काम करने के दौरान।”
 
 

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