केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि देशभर में लागू लॉकडाउन (बंद) के कारण कोविड-19 को काबू करने में ‘‘काफी सफलता’’ मिली है, इसलिए चार मई से कई जिलों में ‘‘पर्याप्त ढील’’ दी जाएगी। इससे पहले, राष्ट्रव्यापी बंद के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए लाखों प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों, छात्रों और अन्य लोगों को बुधवार को कुछ शर्तों के साथ उनके गंतव्यों तक जाने की अनुमति दे दी गयी, जिससे एक बड़े वर्ग को राहत मिल सकती है।
इस बीच, राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार देश भर में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 32,000 से अधिक हो गई है और कम से कम 1,064 लोगों की मौत हो गई है। केंद्र ने बुधवार को यह स्पष्ट संकेत दिए कि देशभर में जारी बंद की अवधि को तीन मई से भी आगे बढ़ाया जा सकता है, लेकिन इसे ‘‘कई जिलों’’ में सेवाओं और लोगों को ‘‘पर्याप्त ढील’’ दी जाएगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि तीन मई तक सख्ती से बंद लागू करने की आवश्यकता थी, ताकि संक्रमण काबू करने की दिशा में जो प्रगति हुई है, उन पर पानी न फिर जाए।
बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सबसे पहले 24 मार्च को बंद लागू किए जाने की घोषणा की थी, जिसे बाद में तीन मई तक के लिए बढ़ा दिया गया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ट्वीट किया कि उसने देश में बंद की स्थिति पर एक बृहद समीक्षा बैठक की और पाया कि बंद के कारण अभी तक कोविड-19 संबंधी स्थिति में काफी सफलता मिली है और सुधार हुआ है। गृह मंत्रालय की प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ‘‘कोविड-19 को काबू करने संबंधी नए दिशा-निर्देश चार मई को लागू होंगे, जिसमें कई जिलों को पर्याप्त ढील दी जाएगी। आगामी दिनों में इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी जाएगी।’’
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या बुधवार को 1,064 हो गई है जबकि संक्रमित मामलों की तादाद बढ़कर 31,787 पर पहुंच गई। पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण से 71 लोगों की मौत हुई है जबकि मरीजों की संख्या में 1,813 का इजाफा हुआ है।
केंद्र के दिशा-निर्देशों के बाद कुछ राज्यों ने भी गैर निषिद्ध क्षेत्रों में दुकानों को खोलने की अनुमति दी है जबकि कुछ राज्य सरकारें प्रवासी मजदूरों को उनके गृह नगर तक जाने देने के लिए कदम उठाने की मांग कर रही हैं। उत्तर प्रदेश जैसे कुछ राज्यों ने प्रवासी मजदूरों और छात्रों को लाने के लिए कदम उठाए हैं। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने एक आदेश में कहा कि ऐसे फंसे हुए लोगों के समूहों को ले जाने के लिए बसों का इस्तेमाल किया जाएगा और इन वाहनों को सैनेटाइज किया जाएगा तथा सीटों पर बैठते समय सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना होगा।
सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भेजे आदेश में भल्ला ने कहा, ‘‘बंद के कारण प्रवासी मजदूर, तीर्थयात्री, सैलानी, छात्र और अन्य लोग विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं, उन्हें जाने की इजाजत दी जाएगी।’’ मंत्रालय ने शर्तें गिनाते हुए कहा कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इस बाबत नोडल अधिकारी बनाने होंगे और ऐसे लोगों को रवाना करने तथा इनकी अगवानी करने के लिए मानक प्रोटोकॉल बनाने होंगे। आदेश में कहा गया है कि नोडल अधिकारी अपने राज्यों में फंसे हुए लोगों का पंजीकरण भी करेंगे।
केंद्र सरकार ने बुधवार को अपने 48.34 लाख कर्मचारियों को तत्काल ‘आरोग्य सेतु’ मोबाइल एप डाउनलोड करने और इस पर यात्रा के लिए ‘सुरक्षित’ स्थिति दर्शाए जाने पर ही कार्यालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया है। (इंपुट: भाषा के साथ)