दिल्ली के स्कूलों में ‘गायत्री मंत्र’ अनिवार्य करने के लिए सर्कुलर जारी, अल्पसंख्यक आयोग ने भेजा नोटिस

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दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (डीएमसी) ने उत्तरी नगर निगम को उसके उस सर्कुलर पर नोटिस जारी किया है जिसमें उसके शिक्षा विभाग द्वारा संचालित स्कूलों में ‘गायत्री मंत्र’ के पाठ के लिए कहा गया है।

प्रतिकात्मक फोटो

डीएमसी अध्यक्ष जफरूल इस्लाम खान ने कहा कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के शिक्षा विभाग को हाल ही में नोटिस जारी किया गया है। एनडीएमसी के शिक्षा विभाग से पूछा गया है कि ‘उसके स्कूलों में सुबह प्रार्थना सभा के दौरान गायत्री मंत्र का पाठ करने का सर्कुलर क्यों जारी किया गया?’

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, नोटिस में कहा गया, ‘क्या यह हमारी धर्मनिरपेक्ष शासन व्यवस्था के खिलाफ नहीं है और क्या इससे छात्रों और शिक्षकों में विभाजन नहीं होगा। जिनमें से कई अल्पसंख्यक समुदाय से है जो धार्मिक प्रकृति के मंत्रों को नहीं बोलना चाहेंगे।’

नगर निगम के अधिकारियों ने इस कदम का बचाव करते हुए कहा कि निगम द्वारा संचालित स्कूलों में ‘गायत्री मंत्र’ पढ़ना अनिवार्य नहीं था। रिपोर्टों के अनुसार, नगर निगम के अधीन 765 प्राथमिक स्कूलों का संचालन होता है, जहां करीब दो लाख 20 हजार छात्र पढ़ते हैं।

बीजेपी शासित नगर निगम की शिक्षा समिति की अध्यक्ष रितु गोयल ने कहा कि उन्हें अल्पसंख्यक आयोग द्वारा ‘गायत्री मंत्र’ पर नोटिस जारी किए जाने के बारे में जानकारी नहीं है। लेकिन इसे बोलना अनिवार्य नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हमने पहले ही स्पष्ट किया है कि यह हमारे विद्यालयों में अनिवार्य नहीं है।’

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एनडीएमसी ने पिछले महीने गायत्री मंत्र पर आदेश जारी किया था जो विवाद का विषय बन गया था क्योंकि आप और कांग्रेस दोनों ने इस फैसले पर गुस्से में प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। आम आदमी पार्टी(आप) ने कहा था कि स्कूलों में अध्ययन किए जाने वाले सभी धर्मों के बच्चों को ऐसे आदेश जारी नहीं किए जाएंगे। बता दें कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी(आप) की सरकार है।

विपक्ष के नेता अनिल लाकरा ने कहा था, ये राज्य किसी भी स्कूल में किसी भी एक विशेष धार्मिक विश्वास को लागू नहीं कर सकता है चाहे कोई हिंदू, मुस्लिम या ईसाई हो। वहीं, उत्तर निगम में कांग्रेस के नेता मुकेश गोयल ने कहा था, सीखने का स्तर ऐसा होना चाहिए कि कई छात्र अंग्रेजी और हिंदी अक्षरों की पहचान करने में असमर्थ हैं। इसलिए गायत्री मंत्र को सीखने के बजाय, उन्हें पहले अंग्रेजी और हिंदी अक्षरों और शब्दों को सीखने पर ध्यान देना चाहिए।

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