सुदर्शन न्यूज़ के विवादास्पद टीवी कार्यक्रम के खिलाफ पूर्व सिविल सेवकों ने सुप्रीम कोर्ट में दी याचिका

0

नौकरशाही में मुसलमानों की कथित “घुसपैठ” पर सुदर्शन टीवी के कार्यक्रम ‘बिंदास बोल’ के प्रसारण को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिका में पक्षकार बनाने के लिए सात पूर्व लोक सेवकों ने न्यायालय में याचिका दायर की है। बता दें कि, सुरेश चव्हाण के नेतृत्व वाले सुदर्शन चैनल के एक विवादास्पद कार्यक्रम में ‘‘सरकारी सेवाओं में मुस्लिमों की घुसपैठ को लेकर साजिश पर बड़ा खुलासा’’ करने का दावा किया था।

सुदर्शन

बता दें कि, दिल्ली हाई कोर्ट ने 11 सितंबर को कार्यक्रमों की श्रृंखला के प्रसारण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। इन कार्यक्रमों के प्रचार में दावा किया गया था कि चैनल ‘सरकारी सेवाओं में मुसलमानों की घुसपैठ की साजिश पर बड़ा खुलासा’ दिखायेगा। वहीं, इससे पहले शीर्ष अदालत ने 28 अगस्त को वकील फिरोज इकबाल खान की एक याचिका पर सुनवाई करने के दौरान कार्यक्रम के चैनल पर प्रसारण से पहले प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया था।

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अमिताभ पांडे और नवरेखा शर्मा समेत पूर्व लोक सेवकों ने अनौपचारिक “संवैधानिक आचरण समूह” बनाया और खान की याचिका में दखल का अनुरोध करने वाली याचिका दायर की। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस तथ्य के मद्देनजर “द्वेषपूर्ण बयानों” पर अधिकारात्मक घोषणा करनी चाहिए कि उसने मौजूदा मामले में बोलने की स्वतंत्रता और अन्य संवैधानिक मूल्यों के बीच संतुलन की मंशा व्यक्त की थी।

गौरतलब है कि, हिंदी समाचार चैनल सुदर्शन के विवादास्पद कार्यक्रम ‘नौकरशाही जिहाद’ के प्रसारण को केंद्र सरकार ने गुरूवार को हरी झंडी दे दी थी। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सुदर्शन न्यूज़ चैनल से यह सुनिश्चित करने कहा है कि उसका शो कार्यक्रमों के लिए निर्धारित संहिता का उल्लंघन नहीं करे। साथ ही उल्लेख किया कि टीवी चैनलों पर प्रसारित किसी भी कार्यक्रम पर प्रसारण से पूर्व रोक की व्यवस्था नहीं है।

Previous article“Thinking of you”: Tina Ambani remembers late Rishi Kapoor on first birth anniversary of her former co-star days after writing profound note for Shloka Mehta
Next articleलंदन: भारतीय मूल की महापौर प्रत्याशी को असामाजिक टिप्पणियों के कारण हटाया गया