पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हालत नाजुक, बेटी शर्मिष्ठा ने याद किया एक साल पहले का वो दिन

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देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के मस्तिष्क में सर्जरी के बाद से उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। ब्रेन सर्जरी के बाद उन्हें अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है। बता दें कि, उनकी कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। आर्मी रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में भर्ती पूर्व राष्ट्रपति के जल्दी ठीक होने की पूरा देश दुआ कर रहा है। इस बीच, पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के किरनाहार में उनके जल्दी ठीक होने की कामना को लेकर मंगलवार से एक यज्ञ शुरू हो गया। मुखर्जी के पैतृक गांव में शुरू हुआ यह यज्ञ 72 घंटे तक चलेगा। इस बीच, प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने एक साल पुरानी बात को याद करते हुए अपने पिता के जल्दी ठीक होने की दुआ की है।

प्रणब मुखर्जी

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने ट्वीट कर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को मिले भारत रत्न सम्मान का वाकया याद किया है। शर्मिष्ठा ने अपने ट्वीट में लिखा, ”पिछले साल 8 अगस्त का दिन मेरी जिंदगी के सबसे खुशी के दिन में से एक था, जब मेरे डैड को भारत रत्न मिला। अब एक साल बाद 10 अगस्त को वो गंभीर रूप से बीमार हो गए। भगवान उनके लिए अच्छा करे और मुझे जिंदगी के सुख-दुख स्वीकार करने की क्षमता दे। मैं सभी का शुक्रिया अदा करती हूं।”

बता दें कि मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को दिल्ली कैंट के आर्मी अस्पताल में 10 अगस्त को 12.07 बजे गंभीर हालत में भर्ती किया गया था। उनकी चिकित्सकीय जांच में उनके दिमाग में बड़ा सा थक्का नजर आया जिसके लिए उनकी आपातकालीन सर्जरी की गई। सर्जरी के बाद उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। मंगलवार शाम तक पूर्व राष्ट्रपति की स्थिति में कोई सुधार नहीं आया है और वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर ही हैं।

10 अगस्त को प्रणब मुखर्जी के ट्विटर हैंडल से भी ट्वीट किया गया था। जिसमें लिखा था- “एक अलग इलाज के लिए अस्पताल आया हूं और यहां आज मेरा कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव आया है। पिछले सप्ताह मेरे संपर्क में आए लोगों से मैं अनुरोध करता हूं कि वे स्वयं को आइसोलेट कर लें और कोविड-19 का टेस्ट कराएं।”

प्रणब मुखर्जी साल 2012 से 2017 के बीच भारत के राष्ट्रपति रहे। मुखर्जी 1982 में 47 वर्ष की आयु में भारत के सबसे कम उम्र के वित्त मंत्री बने। 2004 से उन्होंने तीन महत्वपूर्ण मंत्रालयों- विदेश, रक्षा और वित्त मंत्रालय को संभाला और 2012 में राष्ट्र के सर्वोच्च राष्ट्रपति पद पर आसीन हुए।

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