ISRO के पूर्व अध्यक्ष यू आर राव का निधन, पीएम मोदी ने जताया दुख

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इसरो के पूर्व अध्यक्ष और वैज्ञानिक उडुपी रामचंद्रा राव (यू आर राव) का सोमवार(24 जुलाई) की सुबह निधन हो गया।उन्होंने भारत में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के विकास तथा प्राकृतिक संसाधनों के क्षेत्र में संचार एवं सुदूर संवेदन के विस्तृत अनुप्रयोग के लिये मौलिक योगदान दिया। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राव के निधन पर शोक प्रकट करते हुए इसे देश के लिए बड़ी क्षति बताया है।

फाइल फोटो- पूर्व इसरो चेयरमैन यूआर राव

मी़डिया रिपोर्ट के मुताबिक, 10 मार्च 1932 को जन्मे प्रोफेसर राव एक प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक थे, 85 साल के यू आर राव ने रविवार रात करीब 2.30 बजे अंतिम सांस ली। ख़बरों के मुताबिक, उन्हें इसी साल दिल की बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था, तभी से उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई थी।

ख़बरों के मुताबिक, उन्होंने 10 से ज्यादा इंटरनेशनल अवॉर्ड और कई नेशनल अवॉर्ड जीते थे। राव फिजिकल रिसर्च लैबोरेटरी के गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन और तिरुअनंतपुरम स्थित इंडियन इं​स्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में चांसलर भी थे। मई 2016 में वह पहले भारतीय हो गए जिन्हें इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉटिकल फेडरेशन की ओर से हॉल ऑफ फेम अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

यू आर राव के निधन पर पीएम मोदी ने भी दु:ख जताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, प्रसिद्ध वैज्ञानिक, प्रोफेसर यू आर राव के निधन से दुखी हूं, भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में उनका उल्लेखनीय योगदान कभी भी भुलाया नहीं जाएगा।

 

प्रोफेसर राव ने साल 1951 में मद्रास विश्वविद्यालय से विज्ञान विषय से ग्रेजुएशन किया था। उसके बाद उन्होंने साल 1953 में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से एम.एस. और फिर 1960 में गुजरात विश्वविद्यालय से पी.एच.डी. की डिग्री हासिल की। अपनी पढाई पूरी करने के बाद वह विदेश चले गये और एमआईटी में संकाय सदस्य और टेक्सास विश्वविद्यालय, डलास में सहायक प्रोफ़ेसर के रूप में भी कार्य किया।

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