लोकसभा चुनाव 2019 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से टिकट न मिलने पर कांग्रेस में आए डा. उदित राज ने पुलवामा हमले को लेकर एक ट्वीट किया है, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता में बने रहने के लिए मोदी सरकार ने 40 जवानों की जान का सौदा किया।

उदित राज ने शनिवार (15 फरवरी) को टि्वटर पर लिखा, “जो लोग सत्ता पाने के लिये गुजरात में नरसंहार करवा सकते हैं, वो सत्ता बनाये रखने के लिये 40 जवानों की जान का सौदा भी कर सकते हैं। इनके लिये देशभक्ति और राष्ट्रवाद जनता को भरमाने का एक टूल भर है।”
एक अन्य ट्वीट में उदित राज ने कहा, “सोशल मीडिया पर राष्ट्रवाद का प्रचार करने वाले लोग अक्सर उच्च जाति के होते हैं और जिन सैनिकों ने मुख्य रूप से हमले में अपनी जान गंवाई वे SC/ST/OBC समुदायों से आते हैं। हाशिए पर खड़े समुदायों को सत्ताधारी सवर्णों की देशभक्ति की कीमत चुकानी पड़ती है।”
एक अन्य ट्वीट में उदित राज ने कहा, “देश शहीदों को लेकर संवेदनशील है, इसलिए शहीदों के लिये बने फंड में पुलवामा हमले के बाद 12गुणा बढ़ोत्तरी हुई है। सवाल यह है कि शहीदों के परिजन कहीं भीख मांगने तो कहीं सब्जी बेचने का काम क्यों कर रहे हैं। इन्होंने पुलवामा के नाम पर नोट/वोट बनाया, परिजनों को भूल गये।”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान का समर्थन करते हुए उदित राज ने एक अन्य ट्वीट में लिखा था, “राहुल गांधी जी ने सही सवाल उठाया की पुलवामा हमले के जांच का नतीजा अभी तक नही आया जब गृह मंत्रालय को खबर मिल गयी थी कि CRPF को रोड से नहीं बल्कि एयर से ले जाना चाहिए तो इजाजत नहीं दिया अर्थात राजनैतिक लाभ के लिए यह घटना होने दिया।”
राहुल गांधी जी ने सही सवाल उठाया की पुलवामा हमले के जांच का नतीजा अभी तक नही आया जब गृहमंत्रालय को खबर मिल गयी थी कि CRPF को रोड से नहीं बल्कि एयर से ले जाना चाहिए तो इजाजत नहीं दिया अर्थात राजनैतिक लाभ के लिए यह घटना होने दिया।
.@INCIndia— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) February 14, 2020
वहीं, एक अन्य ट्वीट में मीडिया पर निशाना साधते हुए उन्होंने लिखा कि, “गोदी मीडिया फिर से बेशर्मी से सवाल पूछ रही है कि राहुल गांधी जी को नही कहना चाहिए कि पुलवामा की घटना का फायदा किसको हुआ। जब 1 सप्ताह पहले पता था कि CRPF के जवानों को रोड से नही ले जाना है तो सरकार क्यों नही मानी। मरने के लिए ऐसा किया, मीडिया को बल्कि भाजपा से पूछना चाहिए।”
गोदी मीडिया फिर से बेशर्मी से सवाल पूछ रही है कि राहुल गांधी जी को नही कहना चाहिए कि पुलवामा की घटना का फायदा किसको हुआlजब 1 सप्ताह पहले पता था कि CRPF के जवानों को रोड से नही ले जाना है तो सरकार क्यों नही मानी।मरने के लिए ऐसा कियाlमीडिया को बल्कि बीजपी से पूछना चाहिए।@INCIndia
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) February 14, 2020
एक अन्य ट्वीट में उदित राज ने कहा कि, “पुलवामा हमले के बाद BJP कार्यकर्ता पूरे देश में कैंडल मार्च पर निकल गए जो विपक्ष का कार्य था वो सत्ता पक्ष ने कब्जा कर लिया। विपक्ष को सवाल पूछना चाहिए था जैसा 26/11 ताज होटल के हमले में BJP ने किया था कि हमलावर कैसे आये? लगता है पूछने में कांग्रेस से चूक हो गयी, देर सही दुरुस्त हुआ।”
पुलवामा हमले के बाद BJP कार्यकर्ता पूरे देश में कैंडल मार्च पर निकल गए जो विपक्ष का कार्य था वो सत्ता पक्ष ने कब्जा कर लिया।विपक्ष को सवाल पूछना चाहिए था जैसा 26/11ताज होटल के हमले में BJP ने किया था कि हमलावर कैसे आये?लगता है पूछने में कांग्रेस से चूक हो गयी,देर सही दुरुस्त हुआ।
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) February 14, 2020
बता दें कि, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को पुलवामा हमले की बरसी पर शहीद जवानों को याद किया और सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि आखिर इस हमले का सबसे ज्यादा फायदा किसे हुआ, इसकी जांच में क्या निकला और सरकार में किस व्यक्ति को जवाबदेह ठहराया गया।
राहुल गांधी ने शहीद जवानों के पार्थिव शरीर वाले ताबूतों की तस्वीर शेयर करते हुए ट्वीट किया, ”आज जब हम पुलवामा हमले में शहीद हुए 40 जवानों को याद कर रहे हैं तो हमें यह पूछना है कि इस हमले से सबसे ज्यादा फायदा किसको हुआ?” उन्होंने यह सवाल भी किया, ”हमले की जांच में क्या निकला? हमले से जुड़ी सुरक्षा खामी के लिए भाजपा सरकार में अब तक किसको जवाबदेह ठहराया गया है?”
Today as we remember our 40 CRPF martyrs in the #PulwamaAttack , let us ask:
1. Who benefitted the most from the attack?
2. What is the outcome of the inquiry into the attack?
3. Who in the BJP Govt has yet been held accountable for the security lapses that allowed the attack? pic.twitter.com/KZLbdOkLK5
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 14, 2020
उल्लेखनीय है कि, एक साल पहले 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। पुलवामा हमले की पहली बरसी पर पूरा देश शोक में डूबा हुआ है।