पुणे पुलिस ने एक जनवरी को पुणे के पास स्थित भीमा-कोरेगांव में दलित समाज के शौर्य दिवस पर भड़की जातीय हिंसा मामले में माओवादियों से कथित तौर पर जुड़ाव के लिए मुंबई, नागपुर और दिल्ली से नामी दलित कार्यकर्ता सुधीर धावले सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।
file photoसमाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, पुणे पुलिस के सूत्रों के मुताबिक आज सुबह एक साथ कई छापे के दौरान धावले को मुंबई में उनके घर से गिरफ्तार किया गया, वकील सुरेंद्र गाडलिंग, एक्टिविस्ट महेश राउत और शोमा सेन को नागपुर से और रोना विल्सन को दिल्ली में मुनिरका स्थित उनके फ्लैट से गिरफ्तार किया गया। धावले एल्गार परिषद के आयोजकों में थे। शनिवारवडा में 31 दिसंबर को भीमा कोरेगांव लड़ाई के 200 साल पूरे होने के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
विश्रामबाग थाने में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक कबीर कला मंच के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिए थे जिसके कारण जिले के कोरेगांव भीमा में हिंसा हुई। शोमा सेन नागपुर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं और उनके पति तुषार क्रांति भट्टाचार्य को नक्सलियों से कथित जुड़ाव के लिए 2010 में नागपुर स्टेशन से गिरफ्तार किया गया था।
महेश राउत का भी माओवादियों से जुड़ाव होने की बात कही जा रही है। केरल के निवासी रोना विल्सन (47) दिल्ली में रहते हैं और कमेटी फोर रिलीज ऑफ पोलिटिकल प्रिजनर्स से जुड़े हुए हैं।
भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, पुणे पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त रवींद्र कदम ने बताया, ‘हमने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। पहली नजर में सभी पांचों के माआवादियों से जुड़ाव का पता चला है और मामले में उनकी संलिप्तता देखी जा रही है। इसकी जांच की जाएगी कि क्या इन लोगों ने हिंसा भड़कायी थी।’
उन्होंने कहा कि मामले में और गिरफ्तारी होने की संभावना है। उन्होंने कहा, ‘हम गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून की संबंधित धाराएं लगा रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि विश्रामबाग थाने में दर्ज मामले की विस्तृत छानबीन के बाद ये गिरफ्तारियां हुयी हैं।
कार्यक्रम (एल्गार परिषद) में गुजरात के विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी, जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद, रोहित वेमुला की मां राधिका वेमुला और भारिप बहुजन महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने भी हिस्सा लिया था।
केकेएम के सदस्यों के खिलाफ तुषार दमगुडे ने शिकायत दर्ज करायी थी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुधीर धावले, सागर गोरखे, हर्षाली पोतदार, रमेश गेचोर, दीपक डेंगले और ज्योति जगतप के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी।
वहीं, दलित कार्यकर्ता और गुजरात के वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवानी ने इन गिरफ्तारियों पर सवाल खड़ा करते हुए इन्हें अंबेडकवादी आंदोलन पर हमला बताया है। मेवानी ने बुधवार(6 जून) को ट्वीट करते हुए लिखा, “महाराष्ट्र पुलिस ने मुंबई में अंबेडकरवादी कार्यकर्ता और संपादक सुधीर धावले, नागपुर में वकील सुरेंद्र गाडलिंग और दिल्ली में रोना विल्सन को गिरफ्तार कर लिया है। तीनों पर यूएपीए के सख्त कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है, जबकि भीमा कोरेगांव का अपराधी मनोहर भिड़े आजाद घूम रहा है।”
Attack on Ambedkarite movement : Maharashtra police has arrested Ambedkarite activist & editor Sudhir Dhawale in Mumbai, advocate Surendra Gadling in Nagpur and Rona Wilson in Delhi. All 3 booked under draconian UAPA while Bhima Koregaon culprit Manohar Bhide roams scot free.
— Jignesh Mevani (@jigneshmevani80) June 6, 2018
बता दें कि, भीमा-कोरेगांव युद्ध की 200वीं सालगिरह पर हुई जातीय हिंसा मामले में जिग्नेश मेवाणी और उमर खालिद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी। शिकायतकर्ताओं अक्षय बिक्कड़ और आनंद धोंड ने आरोप लगाया है कि जिग्नेश मेवानी और उमर खालिद ने कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ भाषण दिया था जिसके चलते दो समुदायों में हिंसा हुई।
मेवाणी और खालिद ने यहां ‘एल्गार परिषद’ में हिस्सा लिया था। इस कार्यक्रम का आयोजन शहर के वाडा में गत 31 दिसंबर को भीमा-कोरेगांव की लड़ाई के 200 साल पूरे होने के मौके पर किया गया था। इस कार्यक्रम में जिग्नेश, उमर के अलावा बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर, हैदराबाद यूनिवर्सिटी में खुदकुशी करने वाले दलित छात्र रोहित वेमुला की मां राधिका वेमुला भी शामिल हुईं थीं।
गौरतलब है कि, पुणे में 1 जनवरी को भीमा-कोरेगांव युद्ध की 200वीं सालगिरह पर हुई हिंसा की आग अगले दिन राज्य के कई हिस्सों में फैल गई थी। हिंसा के विरोध में 2 जनवरी को मुंबई, नासिक, पुणे, ठाणे, अहमदनगर, औरंगाबाद और सोलापुर सहित राज्य के एक दर्जन से अधिक शहरों में दलित संगठनों द्वारा जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की गई।
इसके बाद भारिप बहुजन महासंघ नेता और बाबा सहेब भीमराव अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर 3 जनवरी को महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया था। इसका 250 दलित संगठनों ने समर्थन किया था।
महराष्ट्र बंद के ऐलान के बाद एक बार फिर बुधवार को कई जगहों पर हिंसक झड़प हुई जिसके बाद पूरे महाराष्ट्र में तनाव की स्थिति बनी रही। इस दौरान मुंबई, नासिक,नागपुर, पुणो सहित कई शहरों में छिटपुट हिंसा की घटनाएं हुई। इस प्रदर्शन के कारण मुंबई के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।