करोड़ों नौकरीपेशा लोगों को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ा झटका दिया है। जी हां, अब आपकी सैलरी पर कटने वाले पीएफ पर आपको पहले से कम ब्याज मिलेगा। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने ईपीएफ पर ब्याज दर को 8.65 फीसद से घटाकर 8.55 फीसद कर दिया है।समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (पीएफ) पर ब्याज दर को घटाकर 8.55 फीसद कर दिया है। इससे पहले वित्त वर्ष में यह दर 8.65 फीसद थी। इसे नौकरीपेशा कर्मचारियों के लिए मोदी सरकार द्वारा दिए गए एक और झटके के रूप में देखा जा रहा है।
श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के ट्रस्टियों की बुधवार (21 फरवरी) को हुई बैठक के बाद यहां संवाददाताओं से कहा कि, ‘मौजूदा आर्थिक परिदृश्य को देखते हुए भविष्य के बारे में मूल्यांकन करना मुश्किल है।हमने पिछले साल 8.65 फीसद की दर से ब्याज दिया जिसके बाद 695 करोड़ रुपए का अधिशेष बचा है।
इस साल हमने 2017-18 के लिए 8.55 फीसद की दर से ब्याज देने की सिफारिश की है। इससे 586 करोड़ रुपए का अधिशेष बचेगा।’ देशभर में छह करोड़ से भी अधिक कर्मचारी ईपीएफओ से जुड़े हैं। ईपीएफओ ने 2016-17 के लिए 8.65 फीसद ब्याज दर की घोषणा की थी। यह 2015-16 में 8.8 फीसद थी। लगातार तीसरा मौका है जब पीएफ पर ब्याज दरों में कटौती की गई है।
देशभर में 6 करोड़ से भी अधिक कर्मचारी ईपीएफओ से जुड़े हैं। ईपीएफओ की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) है जिसके प्रमुख श्रम मंत्री होते हैं। कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज दर के बारे में सीबीटी के फैसले के बाद वित्त मंत्रालय इसकी पुष्टि करता है। वित्त मंत्रालय की मंजूरी मिलते ही भविष्य निधि अंशधारकों के खाते में ब्याज की राशि डाल दी जाती है।