ड्रग कंट्रोलर ने दिल्ली हाई कोर्ट में कहा- गौतम गंभीर फाउंडेशन को कोविड-19 दवा फैबिफ्लू की अनधिकृत जमाखोरी, खरीद और वितरण का दोषी पाया गया; बिना देर किए की जाएगी कार्रवाई

0

दिल्ली सरकार के औषधि नियंत्रक (ड्रग कंट्रोलर) ने गुरुवार (3 जून) को दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज और पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद गौतम गंभीर द्वारा संचालित ‘गौतम गंभीर फाउंडेशन’ को कोविड-19 (कोरोना वायरस) मरीजों के उपचार में होने वाली दवा फैबिफ्लू की अनधिकृत तरीके से जमाखोरी करने, खरीदने और उसका वितरण करने का दोषी पाया गया है।

फाइल फोटो- गौतम गंभीर

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ड्रग कंट्रोलर ने कहा कि फाउंडेशन और दवा डीलरों के खिलाफ बिना देर किए कार्रवाई की जाएगी। ड्रग कंट्रोलर ने अदालत को बताया कि आप विधायक प्रवीन कुमार को भी ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स कानून के तहत ऐसी ही अपराधों में दोषी पाया गया है।

डग कंट्रोलर की वकील नंदिता राव ने गुरुवार को हाई कोर्ट को बताया कि गौतम गंभीर की चैरिटी ने लाइसेंस प्राप्त डीलरों द्वारा 2000 से अधिक फैबीफ्लू स्ट्रिप्स खरीदे, जबकि उनके पास ऐसा करने के लिए कोई वैध लाइसेंस नहीं था। राव ने अदालत को आश्वासन दिया कि गौतम गंभीर द्वारा संचालित एनजीओ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

जस्टिस सांघी ने कहा, “हम फिर से कह रहे हैं, गंभीर ने जो किया वह सार्वजनिक भावना से किया गया था। लेकिन किस कीमत पर? जरूरतमंद लोगों की कीमत पर। अगर मुझे आज दवा की जरूरत है, लेकिन मुझे नहीं मिल रही है क्योंकि किसी और ने लिया हुआ है।” उन्होंने आगे कहा, “लगभग दो सप्ताह से जरूरतमंदों के लिए स्टॉक उपलब्ध नहीं था। आपने दान तो किया लेकिन बहुत रुकावटें भी डालीं। आपने समाज में कमी पैदा की। जिन सामान्य रोगियों को दवाओं की आवश्यकता थी, वे इसे प्राप्त नहीं कर सके।”

अदालत ने औषधि नियंत्रक से छह सप्ताह के भीतर इन मामलों की प्रगति पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया और इसकी अगली सुनवाई 29 जुलाई निर्धारित कर दी।

बता दें कि, इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को इस मामले में गौतम गंभीर को क्लीन चिट देने पर ड्रग कंट्रोलर को फटकार लगाई थी। अदालत ने कहा था, “आप चाहते हैं कि हम अपनी आंखें मूंद लें। क्या आपको ऐसा लगता है कि आप इससे बच कर निकल जाएंगे।”

पीठ ने कहा था, ‘‘आप हमें हल्के में नहीं ले सकते। आपको अगर ऐसा लगता है कि हम कुछ नहीं जानते तो ऐसा नहीं है। बेहतर होगा कि आप अपना काम करें। आप अपना काम नहीं कर पा रहे तो हमें बताएं, हम आपको निलंबित कर देंगे तथा आपका काम किसी और को सौंप देंगे।’’

Previous articleपूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने राहुल गांधी के खिलाफ निराधार आरोपों पर इंडिया टुडे के एंकर राहुल कंवल को दिया तीखा जवाब; कांग्रेस समर्थकों ने भी पत्रकार पर साधा निशाना तो बचाव में आए BJP आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय
Next articleUP Board 12th Exam 2021: CBSE के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार ने भी यूपी बोर्ड कक्षा 12वीं की परीक्षाएं रद्द की, अधिक जानकारी के लिए छात्र upmsp.edu.in को करें फॉलो