हर किसी को कभी न कभी डॉक्टर की जरुरत पड़ती है, लेकिन कई लोग तो डॉक्टर के पास इसलिए जाने से डरते है कि पता नही इलाज के बाद डॉक्टर की क्या फीस होगी। अगर आप भी ऐसा सोचते है ये ख़ूर आपके काम की है, जी हां क्योंकि एक चिकित्सक को सेवाएं देने से पहले अपनी फीस बतानी होगी। सरकार ने मंगलवार को कहा कि नियमों के अनुसार सेवाएं देने के बाद वे ऐसा नहीं कर सकते हैं।
राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि चिकित्सक को उसकी फीस सेवा प्रदान करने से पहले बतानी चाहिए। ऑपरेशन या इलाज के दौरान या बाद में ऐसा नहीं किया जाना चाहिए। जिस समय डॉक्टर अपनी सेवाएं दे रहा है, उसी समय उसे अपने पारिश्रमिक और राशि के बारे में स्पष्ट रूप से बतानी चाहिए। मीड़िया रिपोर्ट के अनुसार, कुलस्ते ने यह बात उस वक्त कही, जब उनसे पूछा गया कि क्या काले धन की जमाखोरी को रोकने के लिए सरकार कैशलेस मोड में डॉक्टरों की फीस लेने के लिए कोई निर्देश दे रही है।
इंडियन मेडिकल काउंसिल (प्रोफेशनल कंडक्ट, एटिक्वेट एंड एथिक्स) रेगुलेशन, 2002 में इस बारे में स्पष्ट रूप से कहा गया है। रेगुलेशन के अनुसार, एक चिकित्सक को स्पष्ट रूप से अपनी फीस और अन्य शुल्क को अपने कक्ष और या जिन अस्पतालों में वह दौरा कर रहा, वहां के बोर्ड में लिखना होगा।