पश्चिम बंगाल में जूनियर डाक्टरों की हड़ताल का छठा दिन: मीडिया की मौजूदगी में सीएम ममता बनर्जी से बात करने को तैयार हुए हड़ताली चिकित्सक

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पश्चिम बंगाल में एनआरएस अस्पताल में एक डाक्टर की पिटाई के बाद विरोध स्वरूप हड़ताल पर गए जूनियर डाक्टरों की हड़ताल के छठे दिन रविवार को भी मरीजों का हाल बेहाल है। राज्य में सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी, नियमित ओटी और अन्य सेवाएं ठप हैं, हालांकि आपातकालीन सेवाओं पर इसका कोई असर नहीं है। इस बीच हड़ताल कर रहे डॉक्टर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने के लिए तैयार हो गए हैं।

फोटो: सोशल मीडिया

हालांकि, हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि पारदर्शिता के लिए सीएम ममता बनर्जी से बातचीत मीडिया के सामने होनी चाहिए, न ही बंद कमरे में। रविवार को पत्रकारों से बातचीत में जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि वे बातचीत के लिए तैयार तो हो गए हैं, लेकिन यह सब कुछ बंद कमरे में नहीं होगा। हड़ताली डॉक्टर मीडिया की मौजूदगी में सीएम से बात करना चाहते हैं।

बता दें कि रविवार को चिकित्सकों की हड़ताल को छह दिन हो गए हैं, जिसके चलते स्वास्थ्य सेवाएं आंशिक रूप से बाधित रहीं और राज्य सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों में सन्नाटा पसरा रहा। रविवार को अवकाश होने के कारण, बाह्य-रोगी विभाग बंद रहे और अस्पतालों के बाहर या आपातकालीन वाडरें में जाने वाले रोगियों की संख्या भी कम थी। हालांकि, आपातकालीन सेवाएं सामान्य रूप से कार्य करती पाई गईं।

सबसे दुखद बात यह है कि राजधानी के एम्स और सफदरजंग तथा अन्य अस्पतालों के चिकित्सक इन हड़ताली चिकित्सकों के प्रति एकजुटता दिखा रहे हैं। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बार-बार जूनियर डाक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह करते हुए कहा है कि उनकी अधिकतर मांगे मान ली गई हैं। बनर्जी ने शनिवार को कहा था कि उनकी सरकार हड़ताली चिकित्सकों पर एस्मा नहीं लगाएगी और उनकी अधिकतम मांगें मान ली गई हैं, इसलिए उन्हें काम पर लौट आना चाहिए।

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