1000 और 500 के नोट बंद करने की खुफिया जानकारी क्या BJP कुंबे को पता थी?

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प्रधानमंत्री द्वारा देश के नाम सन्देश में काले धन के हवाले से क्या कहा जाएगा, क्या BJP कुंबे को इस के बारे में पहले से पता था ?

1000 और 500 के नोट को बंद किए जाने के फैसले पर मोदी सरकार का दावा है कि इस बात की खबर उनके मंत्रालयों को भी नहीं थी। मंगलवार को देश नाम सन्देश में प्रधानमंत्री मोदी ने यही कहा था।

सरकार का दावा है कि उनकी ये घोषणा टाॅप सीक्रेट थी जिसका अचानक से खुलासा किया गया था क्योंकि सरकार का मानना था कि हम काले धन को रखने वाले लोगों को समय ही नहीं देगें जिससे कि वो अपनी रकम को बचा सके। उनकी तमाम धनराशि मात्र कागज के टुकड़े हो जाएगी और सरकार काले धन पर कंट्रोल कर लेगी?

अब जो जानकारी आई है उससे स्पष्ट हो रहा है कि सरकार की ये घोषणा बीजेपी खेमे को पहले से ही दी जा चुकी थी। कथित रूप से मंत्रियों से लेकर कार्यकताओं तक को इस बात की खबर थी कि सरकार अचानक से 1000 और 500 के नोट बंद कर 2000 के नोट को लाने वाली है।

माना जा रहा है कि काले धन को जमा करने वाले सरकार की इस गुप्त जानकारी पर पहले ही अलर्ट हो गए थे और अपने तमाम कालेधन को समय से पहले ही सफेद में बदल का सुरक्षित हो गए थे।

समाचारपत्र दैनिक जागरण में 27 अक्टूबर 2016 को एक खबर प्रकाशित हुई थी, जिसे बृजेश दुबे नामक पत्रकार ने कानपुर से किया था। इस खबर में बताया गया था कि केंद्र सरकार काला धन निकालने के लिए जल्द ही नया कदम उठा रही है, जिसके लिए सरकार दो हजार रुपये का नोट जारी करने की तैयारी में है।

खबर के अनुसार, “आरबीआइ जल्द ही हाई सिक्योरिटी फीचर वाले दो हजार रुपये का नोट प्रचलन में ला सकती है। इसके साथ ही जाली नोटों पर अंकुश लगाने के लिए एक हजार व पांच सौ रुपये के नोट को लेकर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है।

“माना जा रहा है कि आय घोषणा योजना 2016 में घोषित आय को नाकाफी मानते हुए सरकार यह रुख अपना रही है। सूत्रों का कहना है कि इसकी तैयारी हो चुकी है। आरबीआइ ने दो हजार रुपये के हाई सिक्योरिटी फीचर वाले नोट छपने के लिए दे दिए हैं।”

जागरण की खबर में आगे कहा गया, “जल्द ही यह नोट बाजार में दिख सकते हैं। जानकारी के अनुसार देश में प्रचलित करेंसी में सबसे बड़ा हिस्सा पांच सौ और एक हजार रुपये के नोट का है। हालांकि इसके लिए अभी कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं हुई है लेकिन सूत्रों का कहना है कि सरकार विभिन्न मूल्य वर्ग के नए नोट जारी करने जा रही है।”

बृजेश दुबे ने ये खबर सूत्रों के हवाले से दी थी, यह खबर पूरी तरह से सच्ची लागू हुई है लेकिन पीएम मोदी की घोषणा से ठीक इतना पहले खबर कैसे लीक हुई?

क्या इससे ये प्रश्नचिन्ह नहीं लगता कि अगर बृजेश दुबे जैसे पत्रकार के सूत्र इस बात को अच्छे से जानते थे तो पीएम मोदी के मंत्री, संत्री, अफसर, कार्यकर्ता इस बात से अंजान रहें होंगे?

यहां पीएम मोदी की ये बात झूठ साबित हो जाती है कि ये घोषणा टाॅप सीक्रेट थी। बावजूद इसके कि कथित तौर पर सरकार को समर्थन करने वाला समाचारपत्र पूरी डिटेल इस पर दे देता है और सरकार कह रही है कि खबर टाॅप सीक्रेट है। इस बात से स्पष्ट हो जाता है कि सरकार किसे बचाना चाहती है और किसको पकड़ना चाहती है।

पेटीएम नामी कंपनी पर पहले ही ये आरोप लगाया जा रहा है कि उसे मोदी की घोषणा का पहले से पता था और शायद यही वजह थी कि उसने इतने कम समय में अखबारों के पहले पन्ने पर फुल पेज का विज्ञापन देकर न सिर्फ मोदी का धन्यवाद किया था बल्कि कंपनी के सारे विज्ञापनों पर प्रधानमन्त्री की तस्वीर लगी थी।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने इस पर निशाना साधते हुए बुधवार को मोदी और पेटीएम के बीच किसी डील का आरोप लगाया था।

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