राष्ट्रीय राजधानी में अवैध निर्माण से नाराज दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार (20 नवंबर) स्थानीय अधिकारियों को सुझाव दिया कि दिल्ली के सबसे व्यस्त इलाकों में से एक करोलबाग में स्थित 108 फुट ऊंची हनुमान प्रतिमा को हवाई मार्ग से हटाकर दूसरी जगह (एयरलिफ्ट) स्थापित करने पर विचार करें, ताकि इसके आसपास अतिक्रमण हटाया जा सके।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की पीठ ने एक गैर सरकारी संगठन की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। पीठ ने कहा कि अमेरिका में गगनचुंबी वस्तुओं का पूरी तरह स्थानांतरण (एयरलिफ्ट) किया गया है। यहां भी यह तकनीक अपना सकते हैं।
एनजीओ ने महानगर के करोल बाग इलाके से अवैध निर्माणों और अतिक्रमणों को हटाने की मांग की है। इसने कहा गया है कि विचार कीजिए कि क्या प्रतिमा को हवाई मार्ग से हटाया जा सकता है। एलजी से बात कीजिए। आपको पता है अमेरिका में सभी गगनचुंबी वस्तुओं को स्थानांतरित किया गया है।
अदालत ने कहा कि नगर निकाय अगर एक स्थान पर भी दिखाएं कि कानून लागू किया जा रहा है, तो दिल्ली के लोगों की मानसिकता बदल जाएगी। अदालत ने कहा कि नगर निगमों को कानून लागू करने के लिए काफी अवसर दिए गए लेकिन कोई भी ऐसा नहीं करना चाहता।
पीठ ने अधिकारियों से कहा कि मसला गंभीर है इसलिए इस पर संजीदगी के साथ बात होनी चाहिए। पीठ ने यह भी कहा कि अब तक की प्रक्रिया से साफ है कि कोई भी निकाय ईमानदारी के साथ जिम्मेदारी को पूरा नहीं करना चाहता, अन्यथा यह मसला इतना बड़ा नहीं है। सिर्फ इच्छा शक्ति की कमी है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 24 नवंबर तय की है।