आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में परेशानियों का सामना कर रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को दिल्ली हाईकोर्ट से शुक्रवार(23 मार्च) को जमानत मिल गई है। बता दें कि, सीबीआई ने कार्ति चिदंबरम को 28 फरवरी को ब्रिटेन से लौटने पर गिरफ्तार किया था और इस मामले में उनकी 12 दिन की न्यायिक हिरासत कल खत्म होने वाली थी।
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न्यूज़ एजेंसी भाषा की ख़बर के मुताबिक, न्यायमूर्ति एस पी गर्ग ने कार्ति को 10 लाख रुपये का एक जमानतदार देने का निर्देश दिया और उन पर देश से बाहर जाने की स्थिति में सीबीआई से पहले से अनुमति मांगने सहित अतिरिक्त शर्तें लगाईं हैं। कार्ति के वकील ने अदालत को बताया था कि उनका पासपोर्ट पहले से ही अधिकारियों के पास जमा है। अदालत ने कहा कि जमानत पर रहते हुए कार्ति इस मामले के किसी साक्ष्य से छेड़छाड़ नहीं करें।
सीबीआई ने इस आधार पर उनकी जमानत याचिका का विरोध किया था कि वह इस मामले में ‘‘पहले ही सबूत नष्ट’’ कर चुके हैं और वह एक ‘प्रभावशाली’ व्यक्ति हैं। कार्ति के वकील ने दलील दी थी कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत कोई मामला नहीं बनता है क्योंकि सीबीआई ने न तो किसी लोक सेवक से पूछताछ की और ना ही इस मामले में उन्हें आरोपी बनाया।
कार्ति के वकील ने सबूतों से छेड़छाड़ करने के आरोपों से इंकार किया था और कहा था कि जब सीबीआई ने उन्हें हिरासत में लेकर और पूछताछ का अनुरोध नहीं है तो उन्हें न्यायिक हिरासत में क्यों रखा जाना चाहिए।
बता दें कि पिछले साल 15 मई को दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में कार्ति को ब्रिटेन से लौटने पर बीते महीने 28 फरवरी को चेन्नई हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में कार्ति पर आरोप है जब उनके पिता पी चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे तब उस वक्त 2007 में करीब 305 करोड़ की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए आईएनएक्स मीडिया को दी गई विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी में कथित अनियमितता बरती गई थी। सीबीआई का आरोप है कि एफआईपीबी की मंजूरी दिलाने के लिए कार्ती ने रिश्वत के तौर पर 10 लाख रुपये लिए थे।