उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के उंचाहार स्थित राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) के संयंत्र का बॉयलर फटने से मरने वालों की संख्या बढ़कर शुक्रवार (3 नवंबर) सुबह 30 हो गयी है, जबकि 100 से अधिक घायल हैं। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, मुख्य सचिव राजीव कुमार ने इस हादसे में अब तक 30 लोगों की मौत की पुष्टि कर चुके हैं। केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री आर. के. सिंह ने हादसे की जांच कराने की घोषणा की है।
इस बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस हादसे को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को गुरुवार (2 नवंबर) को नोटिस जारी करके छह सप्ताह में जवाब मांगा है। आयोग ने एनटीपीसी के बिजली संयंत्र का बॉयलर फटने से कम से कम 30 लोगों की मौत की मीडिया रिपोर्टों का स्वत: संज्ञान लेते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव के जरिये राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए छह सप्ताह के अंदर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
आयोग ने इस घटना पर चिंता जाहिर करते हुए माना है कि यह जीने के अधिकार से जुड़ा मामला है और इसकी फौरन उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिये, ताकि यह पता लग सके कि क्या इसके पीछे किसी तरह की लापरवाही या गलती थी।आयोग ने राज्य सरकार को निर्देश दिये हैं कि वह इस हादसे के प्रभावित लोगों को अविलम्ब सहायता मुहैया कराये।
राष्ट्रीय आपदा राहत बल एनडीआरएफ की टीम अब भी दुर्घटनास्थल पर खोजबीन कर रही है। माना जा रहा है कि मलबे में अभी कुछ और शव दबे हो सकते हैं। प्रदेश के उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि एनटीपीसी इस हादसे में मारे गये लोगों के परिजन को 20-20 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल लोगों को 10-10 लाख तथा मामूली रूप से जख्मी लोगों को दो-दो लाख रुपये दिये जाएंगे।
उन्होंने बताया कि घटना की जांच के लिये केंद्र ने एनटीपीसी के अधिशासी निदेशक की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है, जो 30 दिन में रिपोर्ट देगी। प्रदेश के उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि एनटीपीसी इस हादसे में मारे गये लोगों के परिजन को 20-20 रुपये, गम्भीर रूप से घायल लोगों को 10-10 लाख तथा मामूली रूप से जख्मी लोगों को दो-दो लाख रुपये दिये जायेंगे।