शुक्रवार (12 जनवरी) को मीडिया के सामने आकर भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा पर सवाल उठाने वाले सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस चेलमेश्वर और सीपीआई नेता डी. राजा के मुलाकात के बाद एक नया विवाद खड़ा हो गया है। जिसके बाद सीपीआई ने शुक्रवार को ही साफ कर दिया कि पार्टी के नेता डी. राजा निजी तौर पर जस्टिस जे. चेलमेश्वर से मुलाकात करने गए थे, पार्टी के प्रतिनिधि के तौर पर नहीं।
नवभारत टाइम्स न्यूज़ वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, सीपीआई के महासचिव एस. सुधाकर रेड्डी ने कहा कि, ‘राजा निजी तौर पर (जस्टिस चेलमेश्वर के आवास) गए थे, पार्टी के प्रतिनिधि के तौर पर नहीं।’
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस चेलमेश्वर और सीपीआई नेता डी. राजा के मुलाकात के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा कि, ‘मेरे मन में आपके प्रति काफी सम्मान है, लेकिन जस्टिस चेलमेश्वर के घर जाने की जल्दबाजी, आपके उतावलेपन को दर्शाता है। आप उन लोगों के हाथों की कठपुतली बन रहे हैं, जो जजों की बातों को लेकर अविश्वास पैदा करना चाहते हैं।’
I have the greatest regard for D Raja Sahib but this move of his to rush to Justice Chelameshwar’s House was hasty & ill considered. Plays in to the hands of those who want to discredit what the Hon judges said/did. https://t.co/BUJwZpdAAF
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) January 12, 2018
वहीं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने सीपीआई नेता डी. राजा का बचाव किया। उन्होंने कहा कि, क्या हुआ अगर उन्होंने जस्टिस चेलमेश्वर से मुलाकात की, ये कोई बड़ी बात नहीं है।
समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि, ‘तो क्या हुआ? ये कोई बड़ी बात नहीं है। डी राजा केवल एक राजनेता नहीं हैं, बल्कि वो संसद के सदस्य भी हैं।’
So what? This is not a big thing, D Raja is not just a politician but a member of Parliament as well: Subramanian Swamy,BJP on CPI's D Raja meeting #JusticeChelameswar pic.twitter.com/dyVDoE8LFP
— ANI (@ANI) January 12, 2018
बता दें कि, आजाद भारत के इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के चार मौजूदा जजों ने शुक्रवार (12 जनवरी) को प्रेस कॉन्फेंस किया। सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने मीडिया के सामने आकर देश के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की प्रशासनिक कार्यशैली पर सवाल उठाए।
Rifat Jawaid on the revolt by Supreme Court judges
Posted by Janta Ka Reporter on Friday, 12 January 2018
वरिष्ठ जस्टिस चेलामेश्वर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, ‘करीब दो महीने पहले हम चारों जजों ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा और मुलाकात की। हमने उनसे बताया कि जो कुछ भी हो रहा है, वह सही नहीं है। जस्टिस चेलामेश्वर ने कहा कि न्यायपालिका के इतिहास में यह घटना ऐतिहासिक है। सुप्रीम कोर्ट में प्रशासकीय खामियों के संबंध में अपनी शिकायतों का हल न निकल पाने के कारण पहली बार सुप्रीम कोर्ट के जजों को सामने आना पड़ा है। हम मीडिया के माध्यम से देश के समक्ष अपनी स्थिति रखना चाहते हैं।
जस्टिस चेलामेश्वर ने कहा कि, “हम चारों के लिए यह बहुत तकलीफ से भरा समय है और यह प्रेस कॉन्फ्रेंस करने में हमें कोई खुशी नहीं हो रही।” उन्होंने कहा कि, “हम नहीं चाहते कि 20 साल बाद कोई कहे कि चारों जजों ने अपनी आत्मा बेच दी थी।” उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है और बीते दिनों में बहुत कुछ हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जज जस्टिस जे चेलामेश्वर, जस्टिस मदन बी लोकुर, जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने न्यायपालिका से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर मीडिया से बात की। यह मामला एक केस के असाइनमेंट को लेकर था। उन्होंने कहा कि हालांकि हम चीफ जस्टिस को अपनी बात समझाने में असफल रहे। इसलिए हमने राष्ट्र के समक्ष पूरी बात रखने का फैसला किया।