सीएम के निधन के बाद गोवा में गहराया राजनीतिक संकट, सरकार में सहयोगी गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने कहा- ‘पर्रिकर को समर्थन दिया था, BJP को नहीं’

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गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार (17 मार्च) को उनके निजी आवास पर निधन हो गया। वह 63 वर्ष के थे।
चार बार के मुख्यमंत्री और देश के पूर्व रक्षा मंत्री पर्रिकर फरवरी 2018 से ही अग्नाशय संबंधी बीमारी से जूझ रहे थे। पिछले एक साल से बीमार चल रहे बीजेपी के वरिष्ठ नेता का स्वास्थ्य दो दिन पहले बहुत बिगड़ गया था। मुख्यमंत्री का निधन रविवार शाम छह बजकर चालीस मिनट पर हुआ। पर्रिकर के परिवार में दो पुत्र और उनका परिवार है।

इस बीच गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद राज्य में राजनीतिक संकट गहरा गया है। उनके जाने के बाद बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार अचानक संकट में आ गई है। पर्रिकर की अगुआई में बीजेपी के साथ एकजुट रहे सहयोगी दलों में नए मुख्यमंत्री को लेकर मतभेद उभर आए हैं। हालांकि, बीजेपी सहयोगियों को मनाने में जुटी है, लेकिन अभी कोई फैसला नहीं हो पाया है।

पर्रिकर गोवा में गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे थे जिसमें बीजेपी, गोवा फॉरवर्ड पार्टी, एमजीपी और निर्दलीय शामिल थे। विजय सरदेसाई के नेतृत्व वाली गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने कहा है कि वह मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को समर्थन दिया था न कि भारतीय जनता पार्टी को। पार्टी का कहना है कि राज्य में बीजेपी को समर्थन देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार कर सकती हैं, क्योंकि उन्हें भगवा पार्टी को समर्थन नहीं दिया था।

पर्रिकर के निधन के बाद राज्य की सियासी संकट को थामने के लिए बीजेपी नेतृत्व के निर्देश पर आनन फानन में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी रविवार देर रात गोवा पहुंचे। इसके बाद उन्होंने महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) और गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के विधायकों के साथ बैठक की। बैठक में दो निर्दलीय विधायक भी मौजूद थे। लेकिन मुख्यमंत्री को लेकर सहयोगी पार्टियों में सहमति नहीं बन पाई।

बैठक से बाहर आने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विजय सरदेसाई ने कहा, ‘हमने मनोहर पर्रिकर को समर्थन दिया था न कि बीजेपी को। अब जब वह नहीं रहे तो विकल्प खुले हुए हैं। हम गोवा में स्थिरता चाहते हैं। हम नहीं चाहते हैं कि सदन को भंग किया जाए। हम बीजेपी विधायिका दल के फैसले का इंतजार करेंगे और उसके बाद अगला कदम उठाएंगे।’

गडकरी के साथ हुई इस बैठक में गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के प्रमुख और पर्रिकर सरकार में नगर नियोजन एवं कृषि मंत्री विजय सरदेसाई कथित तौर पर अपनी पार्टी के दो विधायकों विनोद पालीकर और जयेश सलगांवकर के साथ आए थे। उनके साथ दो निर्दलीय विधायक रोहन खवंटे और गोविंद गावडे भी मौजूद थे। इनके अलावा एमजीपी के नेता सुधीन धावालीकर और उसके दो विधायकों ने भी केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की है।

गडकरी के साथ बैठक के बाद एमजीपी के सुदीन धावलिकर ने बताया कि वह अपने विधायकों के साथ चर्चा के बाद एक घंटे में फैसला करेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं अपनी पार्टी की कार्यकारिणी कमिटी की बैठक में जा रहा हूं, मैं उनका प्रस्ताव लूंगा। एक घंटे के बाद हम जान सकेंगे कि उम्मीदवार कौन हैं।’ इससे पहले कांग्रेस ने गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा को पत्र लिखकर दावा किया था कि पर्रिकर की सरकार के सहयोगियों ने मनोहर पर्रिकर के नाम पर बीजेपी सरकार को समर्थन दिया था, लेकिन उनके निधन के बाद बीजेपी के पास अब कोई सहयोगी नहीं है।

दरअसल, गोवा में 40 सदस्यीय विधानसभा है। पर्रिकर के अलावा विधायक फ्रांसिस डिसूजा के निधन और कांग्रेस के दो विधायकों सुभाष शिरोडकर व दयानंद सोप्ते के इस्तीफे के बाद 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में 36 विधायक रह गए हैं। कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है और उसके पास 14 विधायक हैं, जबकि बीजेपी के पास 12 विधायक हैं। जिसे महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी के 3, गोवा फारवर्ड पार्टी के 3 और 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है। बहुमत का आंकड़ा 21 है। कांग्रेस का दावा है कि बीजेपी अल्पमत में है, इसलिए उसे सरकार में नहीं रहना चाहिए।

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