सीपीएम ने अपने दफ्तरों पर लगाया हमले का आरोप, कहा- पूरे त्रिपुरा में बीजेपी वालों ने हमारे ऑफिस जलाए

0

त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय में शनिवार(3 मार्च) को विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद पूर्वोत्तर में भगवा का वर्चस्व कायम हो गया। भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) ने त्रिपुरा में 25 साल से सत्ता पर काबिज वाम दलों के लाल गढ़ को ध्वस्त करने में कामयाबी हासिल की है। वहीं, अब त्रिपुरा चुनाव के नतीजों के बाद सीपीएम ने अपने दफ्तरों पर हमले का आरोप लगाया है।

photo- News24Headlines

जनसत्ता.कॉम में में प्रकाशित खबर के मुताबिक, पार्टी ने कहा है कि कहीं उनके कार्यकर्ताओं को पीटा जा रहा है तो कहीं पर ऑफिस जलाए जा रहे है। राज्यभर में ऐसी दो सौ हिंसा की घटनाओं की बात कहते हुए पार्टी ने बीजेपी कार्यकर्ताओ पर हिंसा का ठीकरा फोड़ा है। राज्यभर में बीजेपी और सीपीएम के युवा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की खबरें हैं। त्रिपुरा के लोकप्रिय कम्युनिस्ट नेताओं में से एक और सांसद जितेंद्र उपाध्याय कहते हैं, कम से कम कैडर और पार्टी दफ्तर पर दो सौ हिंसा की घटनाएं हुई हैं। त्रिपुरा में सीपीएम मुख्यालय पर हिंसा की घटनाओं की रिपोर्ट तैयार हो रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक, त्रिपुरा सीपीएम स्टेट सेक्रेटरी बिजन धर ने आरोप लगाया कि हिंसा की घटनाओं को रोकने और बीजेपी वर्कर पर पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। त्रिपुरा सांसद ने बीजेपी पर आदिवासियों को भड़काने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि, बंगालियों और आदिवासियों के बीच विभाजन कर बीजेपी ने अपना वोट बैंक बढ़ाया। लेकिन उन्होंने कहा कि आईपीएफटी एक अलगाववादी पार्टी है, बीजेपी के साथ ज्यादा देर तक रिश्ता नहीं चलेगा।

साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी सातवे वेतन आयोग की सिफारिशें नहीं लागू कर पाएगी, जिसके बारे में पार्टी ने इतना ज्यादा प्रचार किया। सांसद ने कहा कि सातवां वेतनमान लागू करना इतना आसान नहीं है, जितना बीजेपी समझती है।

Previous articleसंसद के बजट सत्र का दूसरा चरण आज से, PNB घोटाले और राफेल पर सरकार और विपक्ष के बीच टकराव के आसार
Next articleSSC पेपर लीक मामले में CBI जांच की सिफारिश, लेकिन लिखित आश्वासन पर अड़े छात्र