भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व अध्यक्ष व केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध कर रहे विपक्ष की आंखों पर वोट बैंक की पट्टी बंधी होने का आरोप लगाते हुए मंगलवार (21 जनवरी) को साफ किया कि जिसको विरोध करना हो करे, मगर सीएए वापस नहीं होने वाला है।
अमित शाह ने सीएए के समर्थन में लखनऊ में आयोजित जागरूकता रैली में कहा कि सीएए नागरिकता छीनने का नहीं बल्कि देने का कानून है, मगर कांग्रेस और सपा समेत विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उनकी आंखों पर वोट बैंक की पट्टी बंधी है। उन्होंने कहा, ‘‘जिसको विरोध करना हो करे, मगर सीएए वापस नहीं होने वाला है।’’
उधर, कांग्रेस ने नागरिकता कानून और NRC को लेकर सरकार पर हमला बोला। अमित शाह के बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा, “हम जानते हैं अमित शाह… देश जलने से आपको फ़र्क नहीं पड़ता, युवाओं की परेशानी से आपको फ़र्क नहीं पड़ता। आज देश के हर कोने में मातृ शक्ति आपके खिलाफ खड़ी है…उनकी आवाज़ आप नहीं सुनोगे। मगर इतना समझ लीजिए वक़्त बहुत बलशाली होता है…आपके हर पाप का हिसाब ले लेगा।”
हम जानते हैं अमित शाह…
देश जलने से आपको फ़र्क नहीं पड़ता; युवाओं की परेशानी से आपको फ़र्क नहीं पड़ता। आज देश के हर कोने में मातृ शक्ति आपके खिलाफ खड़ी है…उनकी आवाज़ आप नहीं सुनोगे।
मगर इतना समझ लीजिए वक़्त बहुत बलशाली होता है…आपके हर पाप का हिसाब ले लेगा। #BJPLeDoobi https://t.co/FAohva8UWm— Congress (@INCIndia) January 21, 2020
बता दें कि, दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर पुराने लखनऊ के घंटाघर परिसर में सैकड़ों महिलाएं पिछले पांच दिन से कड़ाके की ठंड के बीच प्रदर्शन कर रही हैं। उनका कहना है कि सरकार जब तक सीएए को वापस नहीं लेती और एनआरसी का इरादा खत्म नहीं करती, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
बता दें कि, नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ के खिलाफ पुराने लखनऊ के घंटाघर इलाके में प्रदर्शन कर रही मशहूर शायर मुनव्वर राना की दो बेटियों समेत करीब 160 महिलाओं के खिलाफ निषेधाज्ञा के उल्लंघन के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। (इंपुट: भाषा के साथ)